सीहोर। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शहर के बस स्टैंड स्थित टाउन हाल में धरना स्थल पर अनूठा प्रदर्शन किया। उन्होंने धरना स्थल पर सरकार का कुंभकरण बनाकर उसे जगाने की कोशिश की। अपने आंदोलन के 20 वे दिन उन्होंने सरकार से मांगी को जल्द पूरा करने की मांग की है। वे अपने दो सूत्री मांगों को लेकर पिछले 15 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने काले कपड़े में लिपटे कुंभकरण बनाया और उस पर मध्यप्रदेश सरकार का टैग लगाकर प्रदर्शन किया।
हड़तालियों ने सरकार को कुंभकरण बताते हुए कहा की जैसे कुभकरण को जगाने के लिए कई जतन करने पड़ते थे। वे भी ऐसा ही कर रहे है। उनके 20 दिन के आंदोलन में आज तक सरकार या अधिकारियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे साफ है की सरकार सोई हुई है। उसे जगाने ही वे आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान हड़तालियों ने कुंभकरण के पास भजन गाकर विरोध किया। बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश में कार्यरत 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी न्यायोचित दो प्रमुख मांगों को लेकर विगत चरण बद्ध आंदोलन कर रहे थे। जिसकी सूचना शासन प्रशासन को पूर्व में ही दी जा चुकी थी। जानकारी में स्पष्ट उल्लेख था कि 14 दिसम्बर 2022 तक मांगों का संज्ञान नहीं लिया जाता है तो उस स्थिति में 15 दिसम्बर 2022 से 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चित कालीन आंन्दोलन पर चले जाएंगे। अपने आंदोलन के तहत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अलग-अलग तरह के विरोध प्रदर्शन करते हुए अनूठा अंदाज में विरोध जताते रहे हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी झाड़ू लगाने से लेकर न्याय यात्रा आदि के माध्यम से प्रदर्शन तक कर चुके हैं। वे नियमितीकरण और निश्चित वेतन की मांग कर रहे हैं।
ज़िला अध्यक्ष अंबर मालवीय, मनीष दुबे, शैलेश शैल, रोहित सिसोदिया, सुनीता राजपूत, शांति साहू, कमला वर्मा, नरेंद्र मालवीय, संजेश परमार, मनीष दुबे, रश्मि राठौर, महाराज सिंह, रामेश्वर मुकाती, कैलाशी, गरिमा रावत, विजयन्ता, श्रद्धा, ममता वर्मा, नेहा ठाकुर, कृष्णा परमार, मेहरूनिशा, स्मिता गोर, महेश, राहुल, पुष्पा, भरत ठाकुर, भूरी वर्मा, अखिलेश, अंजना, देवेंद्र राठौर, रूही दुबे आदि शामिल थे। मंगलवार को इछावर ब्लाक के अलावा अन्य ने प्रदर्शन किया। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की लगातार 20 दिनों से हड़ताल जारी है। सोमवार को शहर के टाउन हाल से इंदौर नाके तक न्याय यात्रा निकाली गई थी, जिसमें सभी ब्लाकों के सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी शामिल थे।