Sehore News : सोमवती एवं हरियाली अमावस्या का अद्भुत संयोग, नर्मदा में डुबकी लगाकर लिया पुण्य लाभ

आंवलीघाट सहित नर्मदा घाटों पर रही भीड़, दिनभर आते-जाते रहे श्रद्धालु

सीहोर-रेहटी। सावन मास में एक अद्भुत संयोग देखने को मिला। दरअसल सोमवती एवं हरियाली अमावस्या एक साथ मनाई गई। सोमवती एवं हरियाली अमावस्या को लेकर बने इस अद्भुत संयोग में श्रद्धालु-भक्तों ने मां नर्मदा में डुबकी लगाकर अपना जीवन धन्य बनाया तो वहीं पुण्य लाभ भी कमाया। सुबह से ही जिले के प्रसिद्ध आंवलीघाट मरदानपुर, बाबरी, नीलकंठ, सीलकंठ, छिपानेर, बुधनी सहित अन्य नर्मदा घाटों पर श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। इधर प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम पर पौधरोपण किया गया तो वहीं संकल्प वृद्धाश्रम में भी हरियाली अमावस्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
घाटों पर तैनात रही एनडीआरएफ एवं गोताखोरों की टीम –
प्रदेशभर सहित जिले में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नर्मदा में जल अधिक होने के कारण अमावस्या पर नर्मदा घाटों पर एनडीआरएफ एवं गोताखोरों की टीमों को भी तैनात रखा गया। पुलिस ने नर्मदा में वेरीकेटिंग भी की हुई थी, ताकि श्रद्धालु स्नान करने के लिए ज्यादा आगे गहरे पानी में नहीं जाएं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिस बल ने भी नर्मदा के घाटों पर मोर्चा संभाल रखा। इस दौरान लोगों ने नर्मदा में डुबकी लगाकर पूजा अर्चना करके दान पुण्य भी किया।
कई बार बनी जाम की स्थिति –
सोमवती एवं हरियाली अमावस्या एक साथ होने के कारण सुबह से ही नर्मदा घाटों पर दूर-दूर से श्रद्धालु भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। बड़ी संख्या में लोग चार पहिया वाहनों सहित दो पहिया वाहनो द्वारा आवलीघाट पर पहुंचे। इस दौरान कई बार जाम की स्थिति भी बनती रही। हालांकि रेहटी थाना प्रभारी गोपेंद्र सिंह राजपूत सहित पुलिस टीम ने आवागमन की स्थिति को सुगम बनाए रखा।
मां विजासन के दर्शन किए, दान पुण्य भी किया –
अमावस्या के अवसर पर नर्मदा घाट में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने नर्मदा घाटों पर बने मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की। शिव मंदिरों में जल चढ़ाया, अभिषेक किया। इसके साथ ही दान पुण्य भी किया। आवलीघाट पर श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान करके सलकनपुर पहुंचकर मां विजासन के दर्शन भी किए।
कुबेरेश्वरधाम पर मनाई हरियाली अमावस्या, एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे-
पेड़ पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग है। इनके बिना मानव जीवन अधूरा है। एक पेड़ 10 पुत्रों के समान होता है। साथ ही इससे अपार जन कल्याण का यश मिलता है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर परिसर में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में हरियाली और सोमवती अमावस्या पर समिति की ओर से समीर शुक्ला ने कहे। उन्होंने कहा कि पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर हजारों की संख्या ने प्रदेश ही नहीं देश में अनेक स्थानों पर पौधा रोपण किया है। समिति भी हर साल बड़ी संख्या में पौधा रोपण का कार्य करती है। सोमवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालु ने यहां विशेष पूजा अर्चना की। इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि गुरुदेव पंडित श्री मिश्रा के आह्वान पर हर साल यहां पर पौधारोपण किया जाता है। इसके अलावा पौधों का वितरण भी किया जाता है। सोमवार को समिति ने श्रद्धालुओं के साथ पौधों का रोपण किया। मौका था हरियाली अमावस्या का यह अमावस्या न केवल पर्यावरण संदेश देती है, बल्कि इस दिन किए गए पौध रोपण से आध्यात्मिक उन्नति होती है। हमारे पुराणों के मुताबिक इस दिन शिव-पार्वती पूजन के साथ ही आम, बरगद, नीम और तुलसी सहित अन्य पौधे रोपने से देव और पितृ दोनों प्रसन्न होते है। कल्पों का पुण्य मिलता है। शास्त्रों में एक पेड दस पुत्रों के समान बताया गया है। वहीं हरियाली अमावस्या का वैज्ञानिक महत्व भी है। ये तो आप सभी जानते हो कि पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी होता है। जहां पर वृक्ष होते है वहां का प्राकृतिक वातावरण अलग ही होता है। पेड़ों से वातावरण शुद्ध होता है। ये हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन-डाई-आॅक्साइड गैस को ग्रहण करते हैं और आॅक्सीजन गैस छोङ़ते हैं। ये सोचने का विषय है कि अगर हो तो हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन-डाई-आॅक्साइड को कौन ग्रहण करेगा, पूरे वातावरण में जब कार्बन-डाई-आॅक्साइड फैल जाएगी तो हमारे लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा और हम मर जाएंगे। इन सभी बातों पर ध्यान रखते हुए पूरी जिम्मेदारी के साथ पौध रोपण करना जरूरी है साथ ही इनका संरक्षण भी जरूरी है।

संकल्प वृद्धाश्रम में मनाया गया सोमवती अमावस्या का पर्व-
सीहोर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम और संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में सोमवार की सुबह सोमवती और हरियाली अमावस्या का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर यहां पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक पंडितों के मार्गदर्शन में वृद्धजनों ने पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया और उसके पश्चात विशेष अभिषेक किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने बताया कि सोमवार को सुबह हरियाली अमावस्या के दौरान केन्द्र परिसर में पौध रोपण किया गया था, वहीं पंडित सिद्धार्थ पाराशर के नेतृत्व में अभिषेक किया। पंडित श्री पाराशर ने बताया कि इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी है। सोमवार के दिन आने वाले अमावस्या को सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का विशेष महत्व है. सोमवती अमावस्या को स्नान और दान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सोमवती अमावस्या का दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तम माना जाता है, इस दिन आप कुछ आसान उपाय अपना कर अपने नाराज पितरों को प्रसन्न कर सकते है।

सांवरिया सेवा समिति के तत्वाधान में हरियाली अमावस्या मनाई
सोमवार को हरियाली अमावस्या और स्कूल चलो अभियान के तहत सॉवरिया सेवा समिति ने शहर के अभ्यास स्कूल में सबसे पहले समिति के पदाधिकारियों ने आधा दर्जन पौधे रोपण किए और उसके पश्चात 40 से अधिक विद्यार्थियों को रबर और पैंसिल का वितरण किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए सांवरिया सेवा समिति की अध्यक्ष उषाराज शर्मा ने बताया कि समिति के द्वारा शहर सहित आस-पास के स्थानों पर पौधा रोपण का आयोजन किया जा रहा है, सोमवार को सोमवती अमावस्या का दिन था, साथ ही प्रदेश सरकार का स्कूल चलो अभियान भी शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत समिति ने पंडित रविन्द्राचार्य के मार्गदर्शन में पीपल, आम, विल्वपत्र आदि के पौधों का रोपण किया और उसके संरक्षण करने के लिए भी जागरूक किया। कार्यक्रम में सचिव रविन्द्र सैनी, सह सचिव लता वैयापायन, राजेश्वरी शर्मा, प्रकाशवती पाठक आदि शामिल थे।