Sehore News : आशा, ऊषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

सीहोर। आशा, ऊषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्ट्रेट पहुंच ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन का वाचन जिलाध्यक्ष चिंता चौहान ने किया। सभी कार्यकर्ताओं ने सोमवार 14 नवंबर से सीएमएचओ कार्यालय के समक्ष सात दिवसीय हड़ताल शुरू की है। इनकी मांग है कि मध्य प्रदेश की अधिकांश आशाएं अभी भी मात्र 2000 रुपए के अल्प वेतन में गुजारा करने के लिए विवश हैं, यह राशि भी केन्द्र सरकार द्वारा देय है। आंध्रप्रदेश सरकार अपनी और से 8 हजार रुपए मिलाकर आशा को 10 हजार रुपए का मानदेय देते हैं। तेलंगाना में राज्य सरकार 7,500 रुपए मिलाकर 9,500 रुपए देते हैं। इसी तरह केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा सहित सभी राज्य सरकारें आशा एवं पर्यवेक्षकों को अपनी ओर से अतिरिक्त मानदेय दे रही है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने आशा एवं पर्यवेक्षक को अपनी ओर से विगत 15 वर्षों से कुछ भी नहीं दिया।
आशाओं में से सहयोगी बनाकर प्रशिक्षण देकर आशाओं के काम का पर्यवेक्षण करने वाला आशा सहयोगियों को 2021 में पर्यवेक्षक का पद नाम दिया गया। पर्यवेक्षकों को दिए जा रहे यह वेतन सरकार के न्यूनतम वेतन में अकुशल श्रमिक के न्यूनतम वेतन की दर से भी कम है, यह न तो व्यावहारिक है और न ही तर्कसंगत है। आशा, ऊषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर 14 नवम्बर 2022 से प्रारंभ प्रदेश व्यापी हड़ताल के पहले दिन जिला मुख्यालय में आयोजित प्रदर्शन के माध्यम से पुन: यह मांग की गई है कि मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश द्वारा 24 जून 2021 को दिए निर्णय को लागू कर आशा को 10 हजार रुपए एवं पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए वेतन, निश्चित वेतन दिया जाए और उसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए। आशा, ऊषा, आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए, तब तक न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि. ई. एस. आई. ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाए। न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किया जाए। इसी तरह की कई अन्य मांगों को लेकर कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा।
ये भी हैं प्रमुख मांगे-
– आशाओं द्वारा की गई कोविड वैक्सीनेशन ड्यूटी, डीपीटी बूस्टर वैक्सीन, एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन, निर्वाचन कार्य सहित सभी काम का बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाए।
– प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान सुनिश्चित किया जाने हेतु ठोस कदम उठाया जाए। आशाओं के लिए निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य नहीं काया जाए।
– आशाओं की मीटिंगों एवं पर्यवेक्षकों के वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान किया जाए। आशा एवं पर्यवेक्षकों को वेतन सहित 20 कैजुअल अवकाश एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाया जाए।
– आशा एवं पर्यवेक्षकों को शासन के कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधाएं दी जाए।
– पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किए बिना आशा एवं पर्यवेक्षकों को सेवानिवृत्त न किया जाए। ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए।