सीहोर। जिले के भैरूंदा थाना प्रभारी घनश्याम दांगी एवं रेहटी थाने में पदस्थ व सलकनपुर चौकी प्रभारी रहे भवानी सिंह सिकरवार को तत्कालीन डीजीपी सुधीर सक्सेना ने अवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। दरअसल यह सम्मान इनके उल्लेखनीय एवं प्रशंसनीय कार्यों को लेकर दिया गया है। पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय स्थित आफिसर मेस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन डीजीपी सुधीर सक्सेना ने पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को सम्मानित किया। इस दौरान सीहोर जिले के भैरूंदा थाना प्रभारी घनश्याम दांगी को भोपाल क्राइम ब्रांच में उनके पदस्थ रहते हुए अनसुलझे प्रकरणों को सुलझाने के लिए सम्मानित किया गया है। इसी तरह रेहटी थाने में पदस्थ एवं सलकनपुर चौकी प्रभारी रहे एएसआई भवानी सिंह सिकरवार को एटीएस इकाई भोपाल में पदस्थी के दौरान दस्यु विरोधी, नक्सल विरोधी अभियान एवं अन्य अभियानों के दौरान प्रशंसनीय उपलब्धियों के लिए अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
ऐसे किया था प्रकरणों का खुलासा –
क्राइम ब्रांच में पदस्थी के दौरान घनष्याम दांगी द्वारा राजधानी भोपाल में एक बड़ी बैंक डकैती सहित कई ऐसे अनसुलझे प्रकरण थे, जिनको सुलझाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। ये प्रकरण बेहद जटिल थे। आरोपी भी तकनीकी से लेस थे और उन्होंने तकनीक का ऐसे उपयोग किया कि पुलिस भी उनकी तकनीक में उलझती रही। दरअसल राजधानी भोपाल के एक बैंक में डकैती डाली गई थी, जिसमें आरोपियों ने तकनीकी का इस्तेमाल किया था। आरोपी बैंक से लाखों रूपए का सोना लेकर चंपत हुए थे। इस मामले में जब पुलिस के हाथ आरोपियों तक नहीं पहुंच रहे थे तो पूरे पुलिस महकमे पर उंगलिया उठाई जा रही थी। इसी दौरान यह केस क्राइम ब्रांच के सुपुर्द किया गया। इसके बाद क्राइम ब्रांच द्वारा टीम बनाकर मामले का खुलासा किया गया। उस टीम में घनश्याम दांगी ने भी अहम किरदार निभाया था एवं तकनीकी के आधार पर आरोपियों तक पहुंचे थे। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम से फ्रॉड कॉल के जरिए रूपए ऐंठने सहित कई ऐसे अनसुलझे प्रकरण थे, जिनको सुलझाने में घनष्याम दांगी ने अहम रोल निभाया।
दस्यु-नक्सल गतिविधियों में किया बेहतर कार्य –
रेहटी थाने में पदस्थ एएसआई भवानी सिंह सिकरवार भोपाल में एटीएस इकाई में पदस्थ रहे हैं। एक समय मध्यप्रदेश में दस्यु गिरोह एवं नक्सलियों का जमकर आतंक था। ग्वालियर-चंबल अंचल दस्युओं की चपेट में था। बालाघाट सहित कई जिलों में जमकर नक्सल गतिविधियां थीं। इसी दौरान तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने दस्यु एवं नक्सलियों को लेकर अभियान चलाया। इसके लिए स्पेशल टीमें बनाई गईं। इन टीमों में भवानी सिंह सिकरवार भी शामिल रहे। उन्होंने ग्वालियर-चंबल अंचल में दस्यु अभियान के साथ ही नक्सलियों के लिए चलाए गए अभियान में भी बेहतर एवं प्रशंसनीय कार्य किया। अब उन्हें इसके लिए तत्कालीन डीजीपी सुधीर सक्सेना से अवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। सीहोर जिले का नाम रौशन करने पर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों सहित उनके सहयोगियों ने भी उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
ऐसे किया था प्रकरणों का खुलासा –
क्राइम ब्रांच में पदस्थी के दौरान घनष्याम दांगी द्वारा राजधानी भोपाल में एक बड़ी बैंक डकैती सहित कई ऐसे अनसुलझे प्रकरण थे, जिनको सुलझाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। ये प्रकरण बेहद जटिल थे। आरोपी भी तकनीकी से लेस थे और उन्होंने तकनीक का ऐसे उपयोग किया कि पुलिस भी उनकी तकनीक में उलझती रही। दरअसल राजधानी भोपाल के एक बैंक में डकैती डाली गई थी, जिसमें आरोपियों ने तकनीकी का इस्तेमाल किया था। आरोपी बैंक से लाखों रूपए का सोना लेकर चंपत हुए थे। इस मामले में जब पुलिस के हाथ आरोपियों तक नहीं पहुंच रहे थे तो पूरे पुलिस महकमे पर उंगलिया उठाई जा रही थी। इसी दौरान यह केस क्राइम ब्रांच के सुपुर्द किया गया। इसके बाद क्राइम ब्रांच द्वारा टीम बनाकर मामले का खुलासा किया गया। उस टीम में घनश्याम दांगी ने भी अहम किरदार निभाया था एवं तकनीकी के आधार पर आरोपियों तक पहुंचे थे। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम से फ्रॉड कॉल के जरिए रूपए ऐंठने सहित कई ऐसे अनसुलझे प्रकरण थे, जिनको सुलझाने में घनष्याम दांगी ने अहम रोल निभाया।
दस्यु-नक्सल गतिविधियों में किया बेहतर कार्य –
रेहटी थाने में पदस्थ एएसआई भवानी सिंह सिकरवार भोपाल में एटीएस इकाई में पदस्थ रहे हैं। एक समय मध्यप्रदेश में दस्यु गिरोह एवं नक्सलियों का जमकर आतंक था। ग्वालियर-चंबल अंचल दस्युओं की चपेट में था। बालाघाट सहित कई जिलों में जमकर नक्सल गतिविधियां थीं। इसी दौरान तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने दस्यु एवं नक्सलियों को लेकर अभियान चलाया। इसके लिए स्पेशल टीमें बनाई गईं। इन टीमों में भवानी सिंह सिकरवार भी शामिल रहे। उन्होंने ग्वालियर-चंबल अंचल में दस्यु अभियान के साथ ही नक्सलियों के लिए चलाए गए अभियान में भी बेहतर एवं प्रशंसनीय कार्य किया। अब उन्हें इसके लिए तत्कालीन डीजीपी सुधीर सक्सेना से अवार्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। सीहोर जिले का नाम रौशन करने पर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों सहित उनके सहयोगियों ने भी उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।