Sehore News : कांग्रेस का आरोप, किसानों को खाद की पूर्ति नहीं कर पा रही सरकार

सीहोर। जिले में यूरिया, डीएपी खाद का संकट बढ़ता जा रहा है। किसानों को डिमांड के अनुसार सोसायटियों से खाद नहीं मिल रहा है। खाद नहीं मिलने से किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। वहीं किसानों को रबी फसल की तैयारी के लिए बाजार में महंगे दाम डीएपी व यूरिया खाद खरीदना पड़ रहा है। किसानों को खाद की पूर्ति नहीं कर पा रही है। जिससे किसान सोसाइटियों से मायूस होकर लौट रहे है। उक्त आरोप किसान कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष हरगोविन्द दरबार ने लगाते हुए आगामी दिनों में किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिले में खेती कार्य में रफ्तार आ गई है। किसान धान बोआई शुरू कर चुके हैं पर सोसाइटियों में पर्याप्त खाद, बीज नहीं होने से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। मजबूर किसान बाजार से महंगे दर पर खाद और बीज की खरीदी कर रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार जानबूझकर किसानों को पर्याप्त खाद, बीज उपलब्ध नहीं करा रही है ताकि बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचा सके। मजबूर किसान सोसाइटी से मायूस लौट रहे हैं और कर्ज लेकर बाजार से महंगे दर पर खाद और बीज की खरीदी कर रहे हैं। क्षेत्र के किसान रोज इसकी शिकायत कर रहे हैं। समिति प्रबंधक किसानों को संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। वहीं किसानों का प्राइवेट दुकानदार शोषण कर रहे है। किसान कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री दरबार ने कहा कि  गत दिनों शहर के मंडी पर छापामार कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा अन्य स्थानों पर किसानों का शोषण किया जा रहा है। दुकानों पर किसानों से यूरिया के 266 की बजाय 350 रुपए और डीपीए के 1350 की बजाय 1450 रुपए लिए जा रहे है। किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष श्री दांगी ने कहा कि रबी की बोवनी से पहले यूरिया संकट से किसान परेशान है। किसान सेवा सहकारी समितियों में खाद लेने जा रहा है तो खाली हाथ लौटते है और बाजार में दुकान पर जाते है तो कई दुकानदार निर्धारित कीमत से अधिक मनमाना दाम किसानों को लूट रहे है। इसलिए प्रशासन ऐसे दुकानदारों पर एफआईआर दर्ज कर उनके लायसेंस समाप्त करे। दुकानदार और अधिकारियों की सांठगांठ का परिणाम है कि लंबे समय से खाद की कालाबाजारी चरम पर है। रबी की बोवनी होने वाली है उसके बाद खेत में गेहूं फसल लहलहाते ही यूरिया खाद की जरूरत पड़ेगी। हर साल सीजन आते ही यूरिया खाद की समस्या खड़ी होती है। कई दुकानदारों के पास खाद होता तो है, लेकिन वह कालाबाजारी कर किसानों का शोषण करते है। इसके अलावा भी किसानों को अमानक खाद-बीज और कीटनाशक बेचा जा रहा है।
 
				 
					


