Sehore News : हाईस्कूल में संस्कृत विषय को अनिवार्य करने की मांग

सीहोर। सोमवार को कलेक्ट्रेट में जिला संस्कृत प्रकोष्ठ संस्कृत प्रेमी शिक्षक एवं प्रबुद्ध वर्ग ने हाईस्कूल में संस्कृत विषय को अनिवार्य करने हेतु मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर ब्रजेश सक्सेना को सौंपा। ज्ञापन में बताया कि संस्कृत भारतीय संस्कृति की पहचान है। संस्कृत भाषा ना केवल प्राचीन अपितु देव भाषा भी है। परंतु लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा हाई स्कूल में कक्षा 9वीं व 10वीं में संस्कृत विषय के स्थान पर आईटी, ब्यूटी, सिक्योरिटी आदि विषयों को तीसरी भाषा के स्थान पर लेने के विकल्प प्रदान किया गया है। इससे संस्कृत भाषा का भविष्य खतरे में पड़ सकता है, जबकि दुनिया में संस्कृत भाषा को अपनाया जा रहा है। संस्कृत को हाईस्कूल में विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। आज बच्चों को जहां रामायण, महाभारत आदि अनेक प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करने के लिए संस्कृत की आवश्यकता होती है। ज्ञापन में कहा गया कि हमारी मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए, ताकि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति अपने मूल स्वरूप में यथावत रहे। ज्ञापन में मांग की गई है कि पुन: हाईस्कूल के विषयों में संस्कृत को विकल्प के रूप में ना रखते हुए पुन: अनिवार्य किया जाए। मांग करने वालों में प्रमुख रूप से संस्कृत प्रकोष्ठ अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, सतीष त्यागी, संजय सक्सेना, प्रदीप नागिया, संध्या मिश्रा, विष्णु परमार, हेमंत मालवीय, जितेन्द्र शर्मा, गजराज सिंह गेहलोत, सचिन शर्मा, माधव यादव, राजेन्द्र परमार, रामकृष्ण भारद्वाज, धर्मेन्द्र शर्मा, विनोद गुप्ता, अरूण जोशी, नवीन शर्मा, गोपाल त्यागी, राजेश तिवारी, कैलाश यादव, नन्दलाल यादव सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।