सीहोर। शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम में श्रद्घा भक्ति सेवा समिति के तत्वाधान में जिला अस्पताल के स्टाफ के सहयोग से एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें यहां पर उपस्थित स्टाफ ने बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच की।
इस संबंध में जानकारी देते हुए केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने बताया कि शनिवार को समिति के तत्वाधान में शासकीय अस्पताल के सहयोग से यहां पर मौजूद दो दर्जन से अधिक वृद्धजनों के स्वास्थ्य की जांच की गई। जिसमें बीपी, शुगर सहित अन्य का चेकअप के अलावा अन्य जांच निशुल्क की गई। उन्होंने बताया कि इस मौके पर बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने भी मौसम में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए अपनी जांच कराई।
इस दौरान यहां पर मौजूद चिकित्सकों ने कहा कि मौसम का परिवर्तन मानव पर कई बार प्रतिकूल प्रभाव डालता है। पिछले एक सप्ताह से जिले के तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लोगों से मौसम एवं खानपान के प्रति सावधान रहने की सलाह दी है।
इससे वायरल बुखार, मलेरिया, डेंगू, खांसी, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी बीमारियों से बचने की सलाह
उन्होंने कहा है कि, मौसम परिवर्तन से दिमाग के थर्मोस्ट्रेट, जो शरीर के ताप को नियंत्रित करता है, को सेट होने में लगभग 3 हफ्ते लगते हैं। ऐसे समय सावधानी बरतने की सबसे अधिक जरूरत होती है। क्योंकि, दिन-रात के तापमान में अंतर की स्थिति वायरस एवं बैक्टीरिया के पनपने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इससे वायरल बुखार, मलेरिया, डेंगू, खांसी, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी बीमारियों के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त इस मौसम में पुरानी एलर्जी, अस्थमा एवं सांस का रोग बढ़ जाता है। फिर वायरल फीवर होने से बोनमैरो प्रभावित होता है और खून में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। ऐसे में जिगर में सूजन आने से उल्टी होती है और भूख कम हो जाती है। ब्लड प्रेशर, दिल एवं दिमाग की बीमारी भी हो सकती है। बारिश का मौसम चल रहा है। इसके लिए मौसम जनित बीमारियों को लेकर क्षेत्रवासियों को पूर्व में सचेत रहना चाहिए। कोरोना को लेकर भी यहां पर उपस्थित लोगों को बचने की सलाह दी गई।
इस दौरान यहां पर मौजूद चिकित्सकों ने कहा कि मौसम का परिवर्तन मानव पर कई बार प्रतिकूल प्रभाव डालता है। पिछले एक सप्ताह से जिले के तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लोगों से मौसम एवं खानपान के प्रति सावधान रहने की सलाह दी है।
इससे वायरल बुखार, मलेरिया, डेंगू, खांसी, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी बीमारियों से बचने की सलाह
उन्होंने कहा है कि, मौसम परिवर्तन से दिमाग के थर्मोस्ट्रेट, जो शरीर के ताप को नियंत्रित करता है, को सेट होने में लगभग 3 हफ्ते लगते हैं। ऐसे समय सावधानी बरतने की सबसे अधिक जरूरत होती है। क्योंकि, दिन-रात के तापमान में अंतर की स्थिति वायरस एवं बैक्टीरिया के पनपने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इससे वायरल बुखार, मलेरिया, डेंगू, खांसी, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी बीमारियों के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त इस मौसम में पुरानी एलर्जी, अस्थमा एवं सांस का रोग बढ़ जाता है। फिर वायरल फीवर होने से बोनमैरो प्रभावित होता है और खून में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। ऐसे में जिगर में सूजन आने से उल्टी होती है और भूख कम हो जाती है। ब्लड प्रेशर, दिल एवं दिमाग की बीमारी भी हो सकती है। बारिश का मौसम चल रहा है। इसके लिए मौसम जनित बीमारियों को लेकर क्षेत्रवासियों को पूर्व में सचेत रहना चाहिए। कोरोना को लेकर भी यहां पर उपस्थित लोगों को बचने की सलाह दी गई।
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