Sehore News : सात दिवसीय भागवत कथा में उमड़ा आस्था का सैलाब

सीहोर। शहर के विश्वनाथपुरी स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के छठवें दिन पंडित अजय पुरोहित ने कहा कि भगवान की शरण में जब भी जाओ तो भक्त बनकर जाना, अहंकार त्याग ने के बाद ही भगवान की प्राप्ति होती है। कंस के अत्याचार से दुखी होकर जब भक्तों ने प्रभु को याद किया तो भक्तों के दुख दूर करने व माता देवकी और वसुदेव जी के मनोरथ पूर्ण करने लिए भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लेकर आए। पता चलने पर कंस ने कृष्ण को मारने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा, लेकिन भगवान कृष्ण ने पूतना का वध कर दिया। शुक्रवार को गोवर्धन की पूजा आदि का प्रसंग विस्तार से बताया गया। शुक्रवार को कथा का श्रवण करने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बृजवासियों व गोपियों के मनोरथ पूरे करने के लिए भगवान ने माखन चोरी की पावन लीला की थी। इस मौके पर माखन चोरी की सुंदर झांकी भी सजाई गई। गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाते हुए पंडित श्री पुरोहित ने कहा कि एक बार इंद्र को अभिमान हो गया। इसी अभिमान को दूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियों से गिरिराज महाराज की पूजा कराई। इंद्र ने घनघोर वर्षा की पर भगवान ने अपनी अंगुली पर सात दिन और सात रात तक गिरिराज पर्वत धारण कर सभी बृजवासियों की रक्षा की और इन्द्र के अभिमान को दूर किया। भागवत कथा सुनने से जन्म-जन्म के पाप कट जाते हैं। जहां पर भागवत कथा होती है वहां पर देवता भी विराजमान होते हैं। आपका सौभाग्य है कि कथा सुनने का अवसर मिल रहा है। जो भी भक्तिभाव के साथ कथा श्रवण करता है उसके जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज के इस आधुनिक दौर में लोगों को भगवान की भक्ति करने का भी समय नहीं बचा है। ऐसे में यदि जीव एक बार भी कथा श्रवण कर लेता है तो उसे सभी भगवान की पूजा पाठ का सौभाग्य प्राप्त हो जाता है। इसलिए समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। यदि भक्त सच्चे मन से कथा सुने तो उसे सच्ची शक्ति प्राप्त होती है। श्रीमद् भागवत पुराण भगवान का साक्षात स्वरूप है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण स्वयं विराजमान हैं।

Exit mobile version