Sehore News : मनमर्जी के अधिकारी, न निर्देशों की चिंता, न ही कार्यों की परवाह
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने सीएमएचओ, एसडीएम आष्टा, जनपद पंचायत सीहोर, आष्टा के सीईओ सहित कई अन्य जिम्मेदारों को थमाए नोटिस

सीहोर। मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर जिले में अब अधिकारियों की मनमर्जी भी दिखने लगी है। यही कारण है कि उन्हें न तो वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की चिंता है और न ही वे अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार है। वेपरवाह होकर कार्य कर रहे अधिकारियों पर अब कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने सख्ती भी बरती है। कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया, एसडीएम आष्टा आनन्द सिंह राजावत, जनपद सीईओ आष्टा अमित व्यास, जनपद सीईओ सीहोर सिद्धगोपाल वर्मा सहित पटवारी एवं अन्य जिम्मेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन दिनों में जबाव मांगा है।
सीहोर जिले में जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही लगातार सामने आ रही है, लेकिन अब लापरवाह अधिकारियों को लेकर सख्ती भी की जा रही है। यही कारण है कि उन्हें नोटिस थमाए गए हैं। दरअसल सीहोर जिले के सीएमएचओ डॉ. सुधीर डेहरिया को 14 अक्टूबर को समीक्षा बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन वे यहां नहीं पहुंचे। इसके बाद सीएमएचओ कार्यालय पता किया गया तो बताया गया कि वे भोपाल में किसी मीटिंग में शामिल होने के लिए गए हैं, लेकिन भोपाल में ऐसी कोई बैठक ही नहीं थी। इसके बाद उनके निवास पर भी ताला लगा मिला। कनिष्ठ राजस्व अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन एवं पंचनामा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सीएमएचओ कार्यालय में औचक निरीक्षण के दौरान डॉ. सुधीर डेहरिया बिना किसी सूचना के एवं बिना अनुमति के अनुपस्थित पाए गए हैं। कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में इस लापरवाही को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम 1,2,3 का उल्लघंन माना गया है। नोटिस में यह भी गया है कि क्यों न आपके इस कृत्य को शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही के लिए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत कार्यवाही की जाए। डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया से तीन दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मंत्री के दौरे में हुई एसडीएम की शिकायत, दिया नोटिस-
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने आष्टा एसडीएम आनंद सिंह राजावत को भी नोटिस देकर तीन दिनों में जबाव मांगा है। शुक्रवार को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री सीहोर जिले के आष्टा के ग्राम खामखेड़ा में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें ग्रामीणों ने बताया कि जनसेवा अभियान के सर्वे करने के लिए कोई भी अधिकारी-कर्मचारी यहां नहीं पहुंचा। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने इसको गंभीर लापरवाही मानते हुए नोटिस दिया है, जिसमें इस लापरवाही को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम 1,2,3 का उल्लघंन माना गया है। नोटिस में यह भी गया है कि क्यों न आपके इस कृत्य को शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही के लिए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अंतर्गत कार्यवाही की जाए। एसडीएम आनंद सिंह राजावत से तीन दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में लापरवाही बरतने पर आष्टा जनपद पंचायत के सीईओ अमित व्यास को भी नोटिस देकर स्पष्ष्टीकरण मांगा गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान का कार्य इस समय सर्वोच्च प्राथमिकता में है, लेकिन इस कार्य में लापरवाही बेहद गंभीर मामला है। मंत्री के पास ग्रामीणों की शिकायत के बाद कलेक्टर ने ग्राम पंचायत खामखेड़ा के सचिव कैलाश बागवान को भी निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका कार्यालय जनपद पंचायत आष्टा रहेगा।
सर्वे कार्य नहीं करने पर पटवारी भी निलंबित-
ग्राम खामखेड़ा वैजनाथ विकास खंड आष्टा में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान कार्यक्रम में मंत्री नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा के सामने ग्रामवासियों ने बताया कि यहां का सर्वे पटवारी द्वारा भी नहीं किया गया। इसके बाद कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने पटवारी रोहित वर्मा हल्का नंबर 2 ग्राम खामखेड़ा को कार्य में लापरवाही मानते हुए निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका कार्यालय तहसील आष्टा रहेगा।
सीहोर जनपद सीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा-
जनपद पंचायत सीहोर के सीईओ सिद्धगोपाल वर्मा पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। दरअसल सीईओ सिद्धगोपाल वर्मा को मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत दर्ज आवेदन के निराकरण में लापरवाही बरतने के कारण पहले तो कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। इसका उन्होंने जबाव तक नहीं दिया। इसके साथ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में लापरवाही बरतते हुए प्रकरणों का निराकरण भी नहीं किया। इसके कारण कहीं न कहीं जहां अभियान की प्रगति प्रभावित हुई है तो वहीं सीहोर जिले की छवि भी खराब हो रही है। कलेक्टर द्वारा इस संबंध में आयुक्त भोपाल संभाग से अनुशंसा की गई है कि जनपद सीईओ सिद्धगोपाल वर्मा के विरुद्ध मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके लिए प्रतिवेदन भी भेजा गया है।
कार्यालय सहायक लोक सेवा को भी थमाया नोटिस-
संयुक्त कलेक्टर सीहोर द्वारा कार्यालय सहायक लोक सेवा ममता दुबे पांडेय को भी कार्य में लापरवाही के लिए नोटिस थमाते हुए उनकी 2 वेतनवृद्धि रोके जाने के आदेश भी पारित करने को कहा गया है। दरअसल कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर द्वारा एक नस्ती पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया था, लेकिन कार्यालय सहायक ममता दुबे पांडे द्वारा कर्तव्यों का पालन नहीं किया। इसके अलावा कार्यालय में भी समय पर उपस्थित नहीं रहती हैं। नोटिस में यह भी कहा गया है कि वे वरिष्ठ अधिकारियों के फोन तक रिसीव नहीं करती हैं। इस कृत्य को अशोभनीय मानते हुए इसे मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उप नियम 1,2,3 का उल्लघन पाया गया है।