Sehore News : नर्मदा नदी एवं प्रकृति को बचाने 27 माह से पानी पीकर कर रहे पदयात्रा
27 माह से लगातार जारी है दादागुरू (धूनी वाले) की यात्रा, दे रहे प्रकृति बचाने का संदेश
रेहटी। नर्मदा नदी को दूषित होने से बचाने, उत्खनन रोकने सहित प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ से प्रकृति को बचाने के लिए एक अनोखी यात्रा निकाली जा रही है। दादागुरू (धूनी वाले) द्वारा इस यात्रा की शुरुआत 17 अक्टूबर 2020 से की गई थी। यात्रा अनवरत जारी है। 23 जनवरी 2023 को यात्रा सीहोर जिले के सलकनपुर पहुंची। इस दौरान यात्रा की भव्य अगवानी की गई। यात्रा में 30 से 40 लोग लगातार चल रहे हैं। इसके अलावा यात्रा का जहां भी पड़ाव होता है वहां के लोग इसमें शामिल हो जाते हैं। दादागुरू द्वारा निकाली जा रही इस यात्रा की सबसे खास बात है कि दादागुरू 27 माह से सिर्फ नर्मदा का पानी पीकर ही यात्रा कर रहे हैं। यात्रा को 27 माह हो गए हैं। यात्रा के उद्देश्य को लेकर दादागुरू बताते हैं कि मां नर्मदा को जीवंत ईकाई का दर्जा दिलाना, मां नर्मदा एवं उसकी सहायक नदियों के शुद्धिकरण, संरक्षण, संवर्धन के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करना, मां नर्मदा के जल को पवित्र बनाए रखना सहित कई अन्य उद्देश्य प्रमुख हैं। दादागुरू इससे पहले दो लाख किलोमीटर की जन-जागरण यात्रा भी कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने संपूर्ण भारत व नर्मदा तीर्थ क्षेत्र में अखंड सत्संग, सभाएं, जन-जागरण भी किए। वे पांच बार निराहार अखंड नर्मदा सेवा परिक्रमा भी कर चुके हैं। अब वे नर्मदा नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पदयात्रा पर निकले हैं। सलकनपुर पहुंची दादागुरू की यात्रा का यहां पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने यहां पर नर्मदा नदी के संरक्षण एवं प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ पर भी अपनी बात कही। साथ ही उन्होंने सबसे आह्वान किया कि सभी लोग इस दिशा में कदम उठाएं, ताकि नर्मदा नदी के साथ ही उसकी सहायक नदियों एवं प्रकृति को बचाया जा सके।