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Sehore News : मूर्तियों की स्थापना के साथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न

सीहोर। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भगवान के मोक्ष कल्याणक के साथ समापन हुआ। इसमें पाषाण धातु से निर्मित अनेक मूर्तियों की प्रतिष्ठा हुई। इस महोत्सव में 10 मूर्तियां चरखा लाइन स्थित जैन मंदिर के अलावा दो मूर्ति ब्रह्मपुरी स्थित चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में जो तीर्थंकर आदिनाथ भगवान और तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान की है। एक मूर्ति चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर कस्बा में तीर्थकर शांतिनाथ भगवान की है। पंचकल्याणक धार्मिक अनुष्ठान सपन्न होने पर नव निर्मित प्राण-प्रतिष्ठत मूर्तियों को जैन मंदिर में बेदी जी पर मुनि श्री संस्कार सागर महाराज, क्षुल्लक विश्वमार्दव सागर, जिनदत्त सागर महाराज के सानिध्य विराजमान किया गया। बेदी जी पर नवीन छत्र भामंडल लगाए गए।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रवक्ता विमल जैन ने बताया कि शहर के बाल विहार मैदान पर जारी 1008 मज्जिनेंद्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव एवं विश्व शान्ति महायज्ञ में गुरुवार को सुबह भगवान 1008 आदिनाथ का मोक्ष कल्याणक विधि-विधान से मुनि श्री संस्कार सागर महाराज के सानिध्य में अनुष्ठान सपन्न किया गया था, इसके पश्चात शुक्रवार को नवीन प्रतिमाओं के प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान से धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर छावनी में विराजमान किया गया।
इस मौके पर मुनि श्री संस्कार सागर महाराज ने कहा कि मनुष्य को लोभ, क्रोध, द्वेष, घृणा को त्याग कर अपना जीवन सुखमय बनाना चाहिए। दोष और गुणों की पहचान ही सत्पुरुषों की संगति का फल है। जो व्यक्ति अपने दोष और गुणों की पहचान कर ले वही तो ज्ञानी है। मनुष्य ना चाहते हुए भी बार-बार अनंत पाप कर देता है। फिर भी गिरना उतना बुरा नहीं है जितना रुक जाना। गिरने वाला तो एक बार फिर मेहनत करके उठ खड़ा हो जाएगा और लक्ष्य की ओर चल पड़ेगा परंतु जो रुक गया है उसका तो विकास ही अवरुद्ध हो जाता है। इसलिए हमारे मन में किसी के प्रति गलत विचार नहीं आना चाहिए। प्रवक्ता श्री जैन ने बताया कि छह दिवसीय पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव एवं विश्व शान्ति महायज्ञ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए थे। लंबे समय बाद सीहोर शहर में जैन समाज के द्वारा भव्य आयोजन किया गया। मुनि श्री संस्कार सागर महाराज और प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी धीरज भैया, सुमत भैया, शोभित भैया, संजय भैया आदि के निर्देशन में अनुष्ठान भव्य रूप से सपन्न किया गया किया। प्रतिमा विराजमान करने का बदामीलाल जितेंद्र कुमार, महावीर, आनंद, निश्चल, मोनिल जैन लिलेहरिया परिवार, विमल कुमार सुनील कुमार, विशाल, विजय टोनी, शिवांग, अरनव, विवान, शिवी जैन लिलेहरिया परिवार, शांतिलाल, दीपक कुमार दिव्या दीपान्शु जैन लिलेहरिया परिवार, डाक्टर प्रभात जैन सुषमा, अजित कुमार विमला देवी, मनोज, विनोद प्रमोद जैन, सुनील कुमार, आशा देवी, देवचंद श्रीमती श्रीकुवर देवी, अरविन्द, दीलिप जैन जवाडिया वाले, जैनपाल श्रीमती प्रेमा देवी, दामोदर दास, शील जैन आयुष और सोनू जैन लिलेहरिया परिवार आदि ने धर्मलाभ अर्जित किया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रवक्ता विमल जैन ने बताया कि शनिवार को सुबह चरखा लाइन स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर छावनी में मुनि श्री संस्कार सागर महाराज, क्षुल्लक विश्वमार्दव सागर, जिनदत्त सागर महाराज के सानिध्य में बाल ब्रह्मचारी शोभित भैया संजय भैया के निर्देशन में सकल जैन समाज के श्रद्धालुओं द्वारा धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। समाज के अध्यक्ष अजय जैन ने सभी श्रद्धालुओं से अनुष्ठान में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।

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