Sehore News : सरपंच एकता कल्याण संघ ने सीएम को सौंपा आठ सूत्रीय ज्ञापन
सीहोर। सरपंच एकता कल्याण संघ ने विधायक सुदेश राय के नेतृत्व में जिला मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि ग्राम पंचायत के सीएसआर रेट 2016 के अनुसार है, जबकि सीमेंट, रेत, गिट्टी, लोहा आदि समस्त वस्तुओं की दर 2016 से लेकर अभी तक लगभग डेढ़ से दूगना हो गई है। इतने कम दर पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराया जाना संभन नहीं है एवं पीएचई विभाग द्वारा सभी ग्रामों में नल-जल योजना का कार्य हो रहा है। इससे ग्राम के अंदर जो भी सीसी रोड बने हुए थे, उन सबको क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इन सीसी रोड को ग्राम पंचायत को फिर बनाए जाने के निर्देश जारी करने आदि की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर सरपंच एकता कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष ऐलम सिंह दांगी ने कहा कि आठ सूत्रीय ज्ञापन में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निराकरण की मांग की है।
ये हैं प्रमुख मांगे-
– ग्राम पंचायतों में जो निर्माण कार्य हो रहे हैं उनके सीएसआर रेट 2016 के हैं, जबकि वर्तमान में रेत, गिट्टी, सीमेंन्ट, लोहा एवं मजदूरी सहित सभी वस्तु की दर 2016 से काफी अधिक हो गई है। 2016 के सीएसआर के अनुसार ग्राम पंचायतों के एस्टीमेट बनाए जा रहे हैं। उक्त दर पर निर्माण कार्य कराया जाना संभव नहीं है। अतः इसकी दर बढ़ाई जाए एवं जीएसटी को अलग से जोड़ा जाए, ताकि गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कार्य किए जा सकें।
– 15वां वित्त से सीसी रोड निर्माण 880 रूपए प्रति वर्गमीटर व नाली निर्माण 550 रूपए प्रति वर्गमीटर है यह दर भी 2016 की है। इतने कम रेट में सीसी रोड व नाली निर्माण कराया जाना संभव नहीं हैं। इसे बढ़ाकर सीसी रोड 1200 रूपए प्रति वर्गमीटर व नाली निर्माण 800 रूपए प्रति वर्गमीटर किया जाए एवं इसमें मनरेगा कन्वरजेंन्श की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
– 15वां वित्त आयोग से उपलब्ध होनी वाली राशि की 2 किश्ते पूर्व वित्तीय वर्ष व एक किस्त चालू वित्तीय वर्ष की शेष है। उसे जल्द से जल्द ग्राम पंचायत उपलब्ध कराई जाए, ताकि ग्राम का विकास सुचारू रूप से हो सके।
– मनरेगा निर्माण कार्य में एनएमएमएस (मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) लागू होने के कारण ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य करने में असुविधा हो रही है। इसी तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
– प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 1.50 लाख रूपए एवं शहरी क्षेत्र 2.50 लाख रूपए है, जबकि निर्माण सामग्री शहर में आसानी से उपलब्ध है और यहीं से ग्रामीण क्षेत्र में ले जाई जाती है, जिसका परिवहन शुल्क भी लगता है। अतः ग्रामीण क्षेत्र में आवास हेतु राशि को बढाकर 3.00 लाख रूपवए किए जाएं एवं आवास चयन का अधिकार ग्राम सभा को हो।
– ग्रेवल सड़क (सुदूर सड़क, खेत सड़क, एप्रोच सड़क) की स्वीकृति के अधिकार ग्राम सभा को मिलना चाहिए। वर्तमान में इसकी स्वीकृति राज्य स्तर पर होती है, इसलिए विकास कार्य समय पर नहीं हो पाते।
– मनरेगा से जो निर्माण कार्य किए जाते हैं उसकी सामग्री मद में राशि बिल लगने के 15 दिवस में उपलब्ध कराई जाए।
– माननीय 181 पर आए-दिन झूठी शिकायतें सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक की होती है, जिसमें शासकीय तंत्र का बहुत समय बर्बाद होता है। यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो शिकायत कर्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होना चाहिए, ताकि झूठी शिकायतों पर रोक लग सके। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर, मंडल अध्यक्ष दिनेश मेवाड़ा, रामस्वरूप मेवाड़ा, जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र मेवाड़ा, शंकर पटेल, जनपद सदस्य हेमसिंह मीणाख् रमेश लोधी, रमेश अहिरवार, सीहोर जनपद पंचायत सरपंच संघ अध्यक्ष नीरज परमार, सरपंच अरविंद दांगी, प्रदीप दांगी, राकेश पटेल मुस्ताक, सुनील विश्वकर्मा, एलकार सिंह, राकेश मेवाड़ा, सोनू मालवीय सहित बड़ी संख्या में सरपंचगण उपस्थित हुए।