सीहोर। शिक्षक दिवस पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहीं अन्य जिलों की शिक्षिकाओं को बीती रात सीहोर के चंद्रशेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ठहराया गया था। देर रात इनके कमरे में जाने की कोशिश कर रहे शिक्षक संघ के एक तथाकथित अध्यक्ष को जब आवास प्रभारी ने रोकने का प्रयास किया तो अध्यक्ष भड़क उठे और हंगामा खड़ा कर दिया। इस मामले में संबंधित के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार राजधानी में रविवार को प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम एवं शिक्षक सम्मान का आयोजन रखा गया था। इसमें प्रदेश भर के शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल होंगे। दूर- दराज से आने वाले शिक्षक- शिक्षिकाओं को एक दिन पूर्व शनिवार को जिला मुख्यालय के विभिन्न स्कूल-कॉलेज में ठहराया गया था। महिला शिक्षिकाओं के ठहरने की व्यवस्था शासकीय चंद्रशेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय में की गई थी। यहां के आवास व्यवस्था का प्रभार शासकीय स्वामी विवेकानंद हाईस्कूल मंडी की प्राचार्य नीना दुबे को सौंपा गया था। सह प्रभारी के रूप में शासकीय सुभाष उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की सुनीता जैन एवं ग्वालटोली स्कूल की सुनीता जैन बाहर से आने वाली शिक्षिकाओं के रुकने की व्यवस्था में जुटी थीं।
प्रतिबंध होने के बाद भी अंदर दाखिल हुए नेताजी-
जानकारी के अनुसार प्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन और बड़वानी जिले से आई कुल 530 महिला शिक्षिकाओं को चंद्रशेखर आजाद कॉलेज में ठहराया गया था। यहां पुरुष कर्मचारियों का आना प्रतिबंधित था। बताया जाता है कि बीती रात जब आवास प्रभारी श्रीमती दुबे व अन्य महिला कर्मी शिक्षिकाओं का पंजीयन कर उन्हें कक्ष आवंटित कर रही थीं, तभी आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सिसोदिया अपने एक साथी के साथ वहां पहुंचे और उन कक्षों में जाने का प्रयास करने लगे जहां दूर जिलों से आई शिक्षिकाएं रुकी थीं। उन्हें अंदर जाता देख जब आवास प्रभारी नीना दुबे ने रोका तो वह भड़क उठे और हंगामा खड़ा कर दिया। स्थिति अप्रिय होता देख वहां शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी पहुंचे और किसी तरह समझा बुझाकर शिक्षक नेता को बाहर किया। इस घटना से आहत आवास प्रभारी नीना दुबे व अन्य महिला प्राचार्यों ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी यूएस भिड़े से की है। उन्होंंने सोमवार को लिखित शिकायत दर्ज करने को कहा है। इस घटनाक्रम से शिक्षा विभाग की महिला कर्मचारियों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है।