सीहोर। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र की जनता से विकास कार्यों का वादा करके जिला पंचायत सदस्य बने जनप्रतिनिधियों को अब क्षेत्र की जनता का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। दरअसल कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को अपने क्षेत्रोें में विकास कार्यों के लिए राशि नहीं मिल रही है। वे आरोप लगा रहे हैैं कि 15वें वित्त की राशि जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर द्वारा उनके क्षेत्र सहित भाजपा समर्थित सदस्यों के क्षेत्रोें में दी है, जबकि उन्हें 15वें वित्त की राशि नहीं दी गई है। यहां बता दें कि इससे पहले भी कई बार कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य शशांक सक्सेना, राजू राजपूत, कमलेश पटेल सहित अन्य सदस्य इस मामले को सार्वजनिक रूप से उठा चुके हैं। वे पहले भी कई बार आरोप लगा चुके हैैं कि उन्हें 15वें वित्त की राशि नहीं दी गई है। इस बार कांग्रेेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने इस मामले को लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह कोे भी ज्ञापन सौंपा है एवं स्थितियों से अवगत कराया है। जिला पंचायत सदस्यों ने ज्ञापन के साथ राशि आवंटन में मनमानी के सबूत भी कलेक्टर को सौंपे हैं।
सीहोर जिला पंचायत यूं तोे यहां के भ्रष्टाचार, मनमानी के कारण हमेशा ही सुर्खियों में रही हैै, लेकिन इस बार इसकी चर्चा का कारण यहां के कांग्रेस समर्थित सदस्य हैं, जो लगातार मुखर होकर जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस समर्थित सदस्यों का आरोेप है कि 15वें वित्त की राशि को जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर द्वारा अपने हिसाब से वितरित किया गया है। यह राशि सभी सदस्यों के क्षेत्र में बराबर दी जाना थी, लेकिन यह राशि अनेक जिला पंचायत सदस्य के क्षेत्र में नहीं दी गई। अब जिला प्रशासन प्रस्ताव का अनुमोदन करने से पहले साधारण सभा की बैठक में अनुमोदन के लिए भेजे। जिला पंचायत सदस्यों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। वे जिला पंचायत के सदस्यों से पक्षपात कर रहे हैं। कांग्रेस समर्थित सदस्यों को विकास कार्योें के लिए राशि नहीं दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ खुलकर पक्षपात कर रहे हैं।
हमेशा से रहा है विवादों से नाता-
जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर का हमेशा से ही विवादों के साथ गहरा नाता रहा है। दरअसल जब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव हुए थे, तब से लेकर अब तक जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर लगातार विवादों में बने हुए हैं। चुनाव से पहले खुद को वोट देने के लिए जिला पंचायत सदस्यों से गंगा नदी में कसम खिलाने का उनका वीडियो भी वायरल हो चुका है। जिला पंचायत अध्यक्ष पर सीधे आरोप लगाए जाने से वह बात स्पष्ट हो गई है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान सदस्यों ने अध्यक्ष निर्वाचित को वोट नहीं दिए। अब उनके क्षेत्रों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर स्वयं विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान मेें उतरे थेे, लेकिन जीत नहीं दर्ज करा सके।
इनका कहना है-
हमारे सम्मानीय सदस्यों द्वारा जो आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैैं। वे निराधार हैं। जिला पंचायत द्वारा किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है। सभी को समान रूप से राशियों का वितरण होता है। 15वें वित्त की राशि भी पंचायतों के खातोें में सीधेे ट्रांसफर हुई है। सारी व्यवस्था ऑनलाइन है।
– गोपाल सिंह इंजीनियर, अध्यक्ष, जिला पंचायत, सीहोर