Sehore News : रेलवे सप्लायर बनकर दुकानों पर ठगी करता था, कोतवाली पुलिस के चक्रव्यूह में फंसा

सीहोर पुलिस ने पकड़ा अंतरराज्जीय ठग

सीहोर। सीहोर कोतवाली पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठग को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। शातिर ठग रेलवे सप्लायर बनकर किराना दुकानोें को निशाना बनाता था, लेकिन शातिर ठग की यह कारस्तानी ज्यादा समय तक नहीं चल सकी। उसने सीहोर के व्यापारियों को भी चुना लगाया, लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा बनाए गए चक्रव्यूह में आरोपी फंस गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि ठग विराज अग्रवाल नाम बदलकर एवं सप्लायर बनकर घटना को अंजाम देता था। इस अंतरराज्जीय ठग विराज अग्रवाल ने सीहोर निवासी अजय कुमार चाण्डक की स्टेशन रोड स्थित किराने की थोक दुकान में दिनांक 27 अगस्त 2022 को सप्लायर बनकर ठगी को अंजाम दिया था। ठग विराज अग्रवाल कार लेकर किराना व्यापारी की दुकान पर आया, जिसने उन्हें अपना नाम बदलकर राम सिंघानिया बताया था और अपने आप को रेलवे का सप्लायर बताकर परिचय दिया था। राम सिंघानिया नामक इस व्यक्ति ने अजय चाण्डक की दुकान से तेल, शुद्ध घी, चाय व मशाले सहित अन्य सामान खरीदा, जिनकी कीमत लगभग 1 लाख 25 हजार रुपए थी। सिंघानिया द्वारा अजय चाण्डक को अपने एक वेयर हाउस के उद्घाटन का निमंत्रण पत्र भी दिया और मुरली रोड पर स्थित एक दुकान को अपना अस्थाई वेयर हाउस बताकर दिखाया, जिस पर सिंघानिया ट्रेडर्स का बेनर लगा था। उसी दिन उसने खरीदे गए माल की डिलेवरी इस वेयर हाउस में करवा ली और 27 अगस्त को शनिवार का दिन होने के कारण उसने बैंक बंद होने का बहाना बनाकर अजय चाण्डक को नगद रुपए देने में असमर्थता बताकर उसे अपने झांसे में लेकर फेडरल बैंक के दो चेक दे दिए। अजय चाण्डक ने जब सोमवार को उन चेक को बैंक में लगाया तो बैंक से उन चेकों के फर्जी होने की जानकारी दी गई। मुरली रोड स्थित वेयर हाउस पर जाकर पता करने पर राम सिंघानिया वहां नहीं मिला। सिंघानिया द्वारा अजय चाण्डक को दिया गया मोबाइल नंबर भी बंद मिला। उसी दिन इसी प्रकार की ठगी इस व्यक्ति द्वारा श्रीनिधी एजेंसी नेहरु कालोनी सीहोर में भी की और उनसे भी करीब 50 हजार रुपए के मसाले खरीदकर उन्हें भी फर्जी चेक थमा दिए। अजय कुमार चाण्डक ने अपने साथ ठगी होने की सूचना कोतवाली सीहोर में दर्ज कराई तथा इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सीहोर से भी व्यक्तिगत रूप से मिलकर शिकायत की। इस घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी द्वारा एएसपी गीतेश गर्ग तथा सीएसपी सीहोर निरंजन सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कोतवाली नलिन बुधौलिया के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई।
सीहोर से भोपाल, नागपुर और रायपुर पहुंचा शातिर ठग-
कोतवाली थाना प्रभारी नलिन बुधौलिया के नेतृत्व में गठित की गई पुलिस टीम ने ठग विराज अग्रवाल कोे पकड़ने के लिए चक्रव्यूह की रचना की। इसके लिए टीम द्वारा पड़ताल की गई तोे जानकारी मिली कि विराज अग्रवाल परिवर्तित नाम राम सिंघानिया नामक व्यक्ति 24 अगस्त की रात को सीहोर आया एवं रॉयल होटल गंगा आश्रम मेें रूका। उसने सीहोर में वैष्णवी टेवल्स से एक स्विफ्ट डिजायर कार किराए पर ली, जिससे वह ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए सीहोर में घूम रहा था। इसके बाद राम सिंघानिया नामक इस ठग ने बाल बिहार ग्राउंड के पास रहने वाले एक मजदूर कोे अपने झांसे में लिया। उसने नौैकरी का लालच दिया और उसी के नाम सेे एक फर्जी मोबाइल सिम भी खरीदी। उसने मजदूर केे नाम से ही फेडरल बैैंक सीहोर में एक खाता खुलवाया, जिसकी पासबुक एवं एटीएम उसने उसी मजदूर को देे दिए एवं चैक बुक अपने पास रख ली। घटना केे बाद जब पुलिस टीम ने पूरे शहर केे सीसीटीव्ही कैैमरोें के फुटेज खंगाले तोे सामनेे आया कि 27 अगस्त को शाम को ही राम सिंघानिया एक लोडिंग ऑटो मेें सामान भरकर भोपाल के लिए रवाना हुआ हैै। ठग ने भोपाल जाने वाले रास्ते में एक जगह एक दूसरे लोडिंग मेें सामान भरा और आईएसबीटी बस स्टैंड पहुंचा। उसने यहां पर भोपाल से नागपुर जाने वाली वर्मा बस में पूरा सामान रखवाकर खुद भी सामान के साथ नागपुर पहुंचा। बस की टिकट एवं बिल्टी में उसने अपना नाम कृष्णा लिखवाया। नागपुर में गणेश पीठ स्थित बस स्टैंड पहुंचकर इस ठग ने वहां से पूरा माल एक बिना नंबर के लोडिंग ऑटो मेें भरवाया। इसके बाद रायपुर जाने वाली महिन्द्रा बस में पूरा सामान रखवाकर वह बस से रायपुर पहुंचा।
कोतवाली थाना पुलिस ने रची ब्यूहरचना-
कोतवाली थाना पुलिस ने रायपुर, नागपुर, भोपाल एवं सीहोर मेें ठग की मिली लोकेशन के आधार पर तकनीकी सहायता प्राप्त कर एक संदिग्ध मोबाइल नंबर का पता लगाया। पुलिस ने इसकी गंभीरता से जांच-पड़ताल की तो पता चला कि यह मोबाइल नंबर शातिर ठग द्वारा ही उपयोग किया जा रहा था। इस मोबाइल नंबर की लोकेशन और सिमधारक के पतेे केे आधार पर जब पुलिस ने तहकीकात शुरू की तोे शातिर ठग की लोकेेशन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित हेमूनगर कॉलोनी की मिली। यहां पर पुलिस टीम ने इस शातिर ठग को पकड़ा। पहले तो उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे वह ढेर हो गया। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तोे राम सिंघानिया नामक इस व्यक्ति ने अपना असली नाम विराज अग्रवाल पिता सुभाष अग्रवाल उम्र 44 वर्ष निवासी हेमूनगर मुर्रा भाटा रोड बिलासपुर बताया। आरोपी ठग ने अपना जुर्म कुबूल भी किया। ठग विराज अग्रवाल के पास से पुलिस ने पूरा सामान भी जप्त किया है। इसकी कीमत लगभग 2 लाख रूपए बताई जा रही है।
देशभर में कर रहा था ठगी की घटनाएं-
आरोपी शातिर ठग विराज अग्रवाल ने सीहोर से पहले देशभर केे कई शहरों में ठगी की घटनाओें को अंजाम दिया। उसने उज्जैन, वर्धा महाराष्ट्र, मथुरा उत्तरप्रदेश, सीकर राजस्थान सहित कई अन्य शहरों में इस तरह की ठगी की घटनाएं की थीं। यहां भी विराज अग्रवाल ने अपना फर्जी नाम बताकर खुद को रेलवे सप्लायर बताया। यहां भी उसने फर्जी बैंक एकाउंट खुलवाकर फर्जी चैक देकर व्यापारियों को गुमराह किया एवं उनसे ठगी की। इन राज्यों की पुलिस भी आरोपी से पूछताछ के लिए सीहोर पहुंच रही है।
ऐसा दिन चुनता था, जब अवकाश होता था-
पुलिस जांच-पड़ताल में यह सामने आया है कि आरोपी ठग विराज अग्रवाल द्वारा घटना को ऐसे दिन अंजाम दिया जाता था, जब बैंक का अवकाश होे। वह ठगी की घटनाएं फर्जी चैक देकर करता था। वह ज्यादातर घटनाएं शनिवार एवं रविवार के दिन ही करता था और व्यापारियोें को सोमवार का चैक देता था। लेकिन जब व्यापारी चैक बैैंक मेें जमा करनेे जातेे थेे, तब पता लगता था कि वह चैक फर्जी है। हालांकि शातिर ठग कोेतवाली थाना पुलिस द्वारा बनाई गई व्यूहरचना में फंस गया।
इनकी रही सराहनीय भूमिका-
शातिर ठग विराज अग्रवाल को पकड़ने में कोतवाली थाना प्रभारी नलिन बुधौलिया के साथ एसआई कृष्णा मंडलोई, एसआई राकेश कुमार, देवेंद्र चौहान, योगेश भावसार सायबर सेल, सुशील साल्वे सायबर सेल, विक्रम सिंह रघुवंशी, नेपाल वर्मा, विष्णु भगवान की सराहनीय भूमिका रही। एसपी मयंक अवस्थी ने पुलिस टीम को 10 हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा भी की है।