सीहोर: जिलेभर में जुआं-सट्टा पर नहीं किसी का जोर, चल रहा चारों ओर…
- जिले के बुधनी, रेहटी, भैरूंदा सहित अन्य स्थानों पर जमकर चल रहा सटोरियों, जुआरियों का यह खेल
Sumit Sharma
सीहोर। जिलेभर में जुआं, सट्टा, गांजा, अवैध शराब सहित अन्य गतिविधियों पर पुलिस का जोर नहीं है। यही कारण है कि यह धंधें चारों और बेधड़क चल रहे हैं। जुआं-सट्टा के लिए जिले का बुधनी, रेहटी क्षेत्र सबसे ज्यादा चर्चित है। यहां की गली-मोहल्लों में रोजाना दाव-पेंच की बाजी लगाई जाती है। लगातार नए खाईबाजों का इजाफा हो रहा है। सटोरिए एवं जुआरियों ने ऐसे-ऐसे ठिकाने बना रखे हैं, जहां पर पुलिस भी नहीं पहुंच पा रही है। आलम ये है कि इन खेलों के चंगुल में सबसे ज्यादा युवाओं का भविष्य तबाह हो रहा है और सट्टेबाज इस कारोबार से लाखों-करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। ऐसे में इन पर कार्रवाई की सख्त दरकार है। जिलेभर में अवैध गतिविधियों की रोकथाम को लेकर पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला के निर्देश हैं। एसपी के निर्देश, एएसपी सुनीता रावत सहित अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन में लगातार कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी जुआं, सट्टे का अवैध कारोबार दिन दोगुनी, रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। बुधनी से लगे आसपास के क्षेत्र एवं रेहटी तहसील में इनका सबसे ज्यादा बोलबाला है। बुधनी नगर में मुख्य रूप से बुधनी घाट, बुधनी बाजार सहित आसपास के इलाके में बेधड़क संचालित है। बुधनी में चल रहे सट्टा, जुआं के कारोबार की बात की जाए तो इस कारोबार में रोजाना लाखों के दाव खाईबाज घर बैठे मोबाइल से संचालित कर रहे हैं और युवा एवं अन्य लोग सट्टे में हार-जीत का दांव लगाकर अपनी गाढ़ी कमाई इस खेल में गंवाकर बर्बाद हो रहे हैं। बुधनी थाना क्षेत्र के कई इलाकों में चल रहे अवैध जुआं-सट्टा के कारोबार के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जनवरी से सितंबर माह तक जुआं के मामलों में कुल 1 प्रकरण दर्ज हुआ है, जिसमें 5 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गईं थी, वहीं सट्टा के 8 प्रकरण में 9 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। पुलिस विभाग से मिले जुआं-सट्टा के आंकड़ों से ही साफ़ है कि यह कारोबार कैसे बेधड़क संचालित हो रहा है। कार्रवाई के नाम पर छोटे-मोटे सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। मुहिम चलाई, लेकिन नहीं निकले नतीजे-
पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों को जुआं, सट्टा सहित अन्य अवैध कार्यों एवं इनमें संलिप्त लोगों के खिलाफ मुहिम चलाने के निर्देश दिए गए थे। सीहोर जिले में भी पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला के निर्देशन में मुहिम चलाई गई, लेकिन इस मुहिम के भी सार्थक नतीजे नहीं आए। जुआं, सट्टे का कारोबार वैसा ही संचालित हो रहा है, जैसे पहले चलता था। अब यह हाईटैक तरीके से चलाया जा रहा है। बुधनी तहसील के शाहगंज थाना क्षेत्र में तो हर दिन करोड़ों का दांव लगाया जाता है, लेकिन यहां तक पुलिस अब तक नहीं पहुंची है। अपराधों की समीक्षा का नहीं हो रहा असर- नए अपराधों को रोकने एवं पुराने मामलों के निपटारों के लिए पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला लगातार पुलिस विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। हर थानों की स्थिति को देख रहे हैं और लगातार निर्देश भी दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी इन निर्देशों का जमीन पर असर दिखाई नहीं दे रहा है। लगातार क्षेत्र में जुआं, सट्टा, गांजा, अवैध शराब का कारोबार फलफूल रहा है। जुआं-सट्टा में युवा अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। जैसे-जैसे पुलिस आधुनिक हो रही है। वैसे-वैसे इस अवैध कारोबार से जुड़े खाईबाज और सटोरिए भी हाईटेक हो चुके हैं। अब सट्टे का कारोबार कागज कलम की जगह मोबाइल और एप्लीकेशन से संचालित होते हैं। बीते मई माह में आईपीएल में खुलेआम सट्टे का कारोबार क्षेत्र में चलता रहा। मीडिया ने भी सट्टे के कारोबार का मामला उजागर किया और पुलिस ने कार्यवाही का दावा किया, लेकिन नगर के हाईटैक खाईबाज आज भी कानून की गिरफ्त से बाहर है। सामजिक बुराई पर विपक्ष खामोश- प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी, तब महादेव सट्टा ऐप को लेकर भाजपा ने जमकर मौजूदा सरकार पर हमला किया, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद आज जब भाजपा राज में सट्टे का कारोबार जोर पर है तो विपक्ष पूरी तरह हो इस सामजिक बुराई पर किसी तरह का अपना विरोध दर्ज तक नहीं करा पा रहा है। अब सवाल उठता है कि क्या जिले के आला पुलिस अधिकारी इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने कोई ठोस कदम उठाएंगे।