सीहोर : पटवारी संघ ने सौंपा पंडित प्रदीप मिश्रा को ज्ञापन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी पहुंचे धरनास्थल
305 पटवारी हड़ताल पर, राजस्व, प्रमाण-पत्रों सहित चुनाव के कई कार्य अटके

सीहोर। प्रदेश के पटवारियों की वेतनमान एवं अन्य समस्याओं के संबंध में पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश पटवारी संघ के आह्वान पर सीहोर जिले के करीब 305 पटवारी हड़ताल पर हैं। सोमवार को अपनी मांगों के समर्थन में शहर के पटवारी संघ के पदाधिकारी भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा को ज्ञापन देने के लिए जिला मुख्यालय के समीपस्थ हैलीपेड पर पहुंचे और एक ज्ञापन सौंपा। दोपहर में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों के साथ शहर के तहसील चौराहा स्थित धरनास्थल पर पहुंचे और हड़तालरत पटवारियों को सरकार की महत्वपूर्ण कड़ी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने का काम पटवारी करते हैं। पटवारियों की मांग पर ध्यान दिया जाए और उनका वेतनमान बढ़ाया जाए। श्री वर्मा ने आश्वासन दिया कि मौजूदा सरकार पटवारी संघ की मांग पूरी नहीं करती है और मप्र में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार आने वाली है। हम पटवारी संघ की मांगों को पूरा करेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष संजय राठौर ने बताया कि जिले के 305 से ज्यादा पटवारी लगातार हड़ताल पर चल रहे हैं। पटवारियों द्वारा काम बंद करने के कारण तहसील कार्यालय, लोक सेवा केंद्र के साथ अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। लोगों के नामांकन और बंटवारे के प्रकरण अटक गए हैं। लोग अपने कार्य कराने के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। ग्रेड-पे, प्रमोशन एवं वेतनमान में वृद्धि करने, भत्तों में बढ़ोत्तरी आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता कराने सहित पांच प्रमुख बिंदुओं को लेकर पटवारी हड़ताल पर चल रहे हैं। अभी तक सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है। इस संबंध में पटवारी संघ द्वारा कई बार मांग पत्र शासन को भेजा जा चुका है। पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया मध्यप्रदेश सहित जिले के सभी पटवा चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। पहले चरण में 21 अगस्त को सभी पटवारी सरकारी गु्रप से लेफ्ट हो गए थे, ऑनलाइन काम का पूरी तरह से बहिष्कार किया। दूसरे चरण में 23 से 25 अगस्त तक 3 दिन तक सामूहिक अवकाश पर रहे।
ये काम हो रहे प्रभावित-
पटवारियों के हड़ताल पर जाने से नामांतरण, जाति प्रमाण पत्र, निर्वाचन के कार्य, फसल गिरदावरी, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, शासकीय योजनाओं के पेमेंट और घटना स्थल पर पंचनामा बनाने सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। लोक सेवा केंद्र के ज्यादातर आवेदनों पर पटवारी की रिपोर्ट लगती है।
ये है प्रमुख मांगे-
प्रदेश के पटवारियों को साल 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान के अनुसार ही वर्तमान वर्ष 2023 में वेतन दिया जा रहा है। विगत 25 वर्ष में प्रदेश के पटवारियों के वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इस बात से सभी पटवारी सरकार से नाराज हैं। इनका कहना है कि उनके सेवाकाल में कार्य लेने वाले राजस्व विभाग एवं उसकी पद स्थापना वाले भू-अभिलेख विभाग के सभी पदोन्नत पदों (राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख) के वेतनमान में कई बार वृद्धि की गई।
सोमवार को पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ कांग्रेस नेता हरपाल सिंह ठाकुर, अक्षत कासट, राजीव गुजराती, आशीष गहलोत, महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुलाब बाई ठाकुर, केके रिछारिया, भगत सिंह तोमर, तुलसी राठौर आदि शामिल थे।