सीहोर पुलिस ने सलकनपुर में दी 110 बच्चों को मुस्कान, परिजनों से मिलाया

सीहोर। मां विजयासन देवी धाम सलकनपुर में शारदीय नवरात्रि के दौरान इस बार पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी सिर्फ भीड़ नियंत्रण तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने 110 बिछड़े बच्चों को उनके परिजनों से मिलाकर एक सच्चा मानवीय चेहरा भी दिखाया। 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड भीड़ के बीच, व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ, पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने कई परिवारों को बड़ी चिंता से मुक्ति दिलाई।
पूर्व वर्षों में सडक़ों पर लंबा जाम और व्यवस्थागत खामियां देखने को मिलती थीं, लेकिन इस बार पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला और कलेक्टर बालागुरु के. ने नवरात्रि से पहले ही सलकनपुर की भौगोलिक स्थिति को समझा और एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया।
विशेष प्लानिंग आई काम
विशेष प्लानिंग के तहत नवरात्रि के शुरुआती दौर में 150 पुलिसकर्मियों का बल तैनात किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 250 कर दिया गया। अन्य विभागों के साथ कुल 500 स्टाफ व्यवस्था संभालने के लिए स्टैंडबाय पर रहा। भीड़ और यातायात व्यवस्था पर निगरानी के लिए दो ड्रोन लगातार कार्यरत रहे, एक सडक़ मार्ग पर और दूसरा पहाड़ी क्षेत्र पर।

बिछड़े बच्चे और खोए मोबाइल का मिलन
लाखों की भीड़ में बच्चों का खो जाना स्वाभाविक था, लेकिन पुलिस की विशेष टीमें लगातार सक्रिय रहीं। व्यवस्था की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवरात्रि के दौरान पुलिस ने 110 बिछड़े बच्चों को सुरक्षित उनके माता-पिता तक पहुंचाया। इसके अलावा श्रद्धालुओं के 15 गुम हुए मोबाइल फोन भी ढूंढकर उनके मालिकों को वापस किए गए।
पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला ने स्वयं नवरात्रि के पहले और पर्व के दौरान कई बार सलकनपुर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनीता रावत और एसडीओपी रवि शर्मा पूरे समय सलकनपुर में मौजूद रहे। अधिकारियों की यह सजगता ही है जिसकी वजह से इस बार की नवरात्रि, बच्चों के परिजनों के लिए एक सुखद अनुभव लेकर आई, जहां लाखों भक्तों की आस्था के बीच 110 परिवारों की मुस्कान वापस लौटी।

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