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सीहोर पुलिस : किसी ने बढ़ाया मान, किसी ने कराया अपमान

सीहोर जिले की बुदनी, नसरूल्लागंज पुलिस ने बढ़ाया कद, मंडी थाने ने कराई किरकिरी

सीहोर। जिले में पुलिस के दो अलग-अलग रूप देखने को मिले। पहला रूप तो पुलिस के लिए वाहवाही कराने वाला दिखा, लेकिन दूसरा रूप पुलिस के लिए किरकिरी कराने वाला साबित हुआ। दरअसल पिछले दिनों सीहोर जिले की बुदनी एवं नसरूल्लागंज पुलिस ने दो अलग-अलग खुलासे करके पुलिस कप्तान सहित पुलिस विभाग के लिए उपलब्धि वाला कार्य किया तो वहीं मंडी थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति को पूछताछ के बहाने थाने में बुलाकर उसकी बेरहमी से पिटाई लगाई। इससे वह बुरी तरह घायल हो गया। अब उसका गंभीर स्थिति में भोपाल में इलाज चल रहा है।
सीहोर पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी सीहोर जिले को पूरी तरह से अपराधमुक्त बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि लगातार अपराधिक घटनाओं का खुलासा पुलिस द्वारा किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गितेश गर्ग व सीहोर जिले के अन्य अधिकारी की सक्रियता के कारण लगातार सीहोर पुलिस द्वारा अपराधों का खुलासा किया जा रहा है।
पकड़ाया फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने वाला गिरोह-
जानकारी के अनुसार नसरूल्लागंज पुलिस ने गरीबों से रकम एठकर सरकारी फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के फरार आरोपी को दबोच लिया। दिनांक 29 जुलाई 22 को थाना नसरुल्लागंज पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी कि लाड़कुई में आनलाईन दुकान संचालक द्वारा गरीबों से रकम ऐठकर सरकारी फर्जी दस्तावेज बनाकर दिया जा रहा था। पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर आरोपी के विरुद्ध फर्जी तरीके से सरकारी दस्तावेज बनाने वाले दुकान संचालक आरोपी दीपक मीणा के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की थी। पुलिस की टीम ने अपने मुखबिर तंत्र एवं तकनीकी सहायता से गिरोह के एक आरोपी शशांक गिरी पिता राजकुमार गिरी को बालाघाट से गिरफ्तार किया। आरोपी से पुलिस द्वारा मामले के संबंध में पुछताछ की जा रही है। आरोपी शशांक गिरी ने पुलिस को बताया गया कि आॅनलाईन का काम करता है, जिस कारण से कई ग्रुप में जुड़ा हुआ है, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा जन्म प्रमाण पत्र बनाने की लिंक शेयर की थी। गिरोह के आरोपी व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा ऐसे गरीब मासूम लोगों को तलाश करते थे, जिन्हें सरकारी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र आदी बनाना हो उन लोगों से संपर्क करके उन्हें अपने झांसे में फंसाया जाता था। इस कार्य में थाना प्रभारी नसरुल्लागंज निरीक्षक कंचन सिंह ठाकुर, उनि श्याम कुमार सुर्यवंशी, विपिन जाट, पुष्पेन्द्र जाट, योगेश कटारे, दीपक जाटव का सराहनीय काम रहा।
पकड़ाया मोटरसाइकिल गिरोह, तीन मोटरसाइकिल भी पकड़ाई-
सीहोर जिले की बुदनी पुलिस ने एक मोटरसाइकिल गिरोह को पकड़कर उसके पास से तीन मोटरसाइकिल, एक स्कूटी सहित मोबाइल व नकदी भी बरामद की है। जानकारी के अनुसार 5 अगस्त 22 को बुधनी पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि तीन लड़के गड़रिया नाला के पास बने ओवरब्रिज के नीचे चोरी के सामान को बैचने के लिए घूम रहे हैं। सूचना की तस्दीक में थाना प्रभारी बुधनी विकास खीची द्वारा कार्रवाई करते हुए मौके से आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की गई, जिनसे चोरी की गई 3 मोटरसायकल, 1 स्कूटी सहित मोबाइल एव नगदी जप्त की गई। गिरफ्तार आरोपी विदिशा जिले का निगरानीशुदा बदमाश राधेश्याम उर्फ भुज्जी पिता ग्यारसीलाल रैकवार जाति केवट उम्र 24 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 13 भोई मोहल्ला विदिशा एवं दो विधि का उलंघन करने वाले बालक है। इस कार्य में थाना प्रभारी बुदनी विकास खिंची, उनि दीपक शर्मा, उनि अमृत लाल सिसोदिया, उनि राजू मखोड, सउनि अशोक दुबे, सउनि रामकृष्ण गौर, महेश विश्वकर्मा, हर्षित, हिमांशु, सिद्धार्थ एवं अभिषेक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इधर मंडी थाने में पिटाई से युवक की हालत गंभीर-
शक के आधार पर मंडी थाने ने ग्राम कचनारिया के युवक अरुण मेवाड़ा को पूछताछ के बहाने थाने लाकर जमकर मारपीट की। इससे युवक की हालत गंभीर हो गई, पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद युवक अरुण मेवाड़ा को परिजन पहले सीहोर जिला अस्पताल लाए। जहां युवक की गंभीर हालत को देखते हुए भोपाल रेफर किया गया है। अब अरुण के परिजन अरुण का इलाज भोपाल में करा रहे हैं। जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। इधर युवक के परिजनों ने अरुण की इस हालात की जिम्मेदारी मंडी थाने के एसआई संतोष विश्वकर्मा को ठहराया। परिजनों ने मंडी थाने के एसआई संतोष विश्वकर्मा पर कार्यवाही की मांग को लेकर एसपी को एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें परिजनों ने एसआई संतोष विश्वकर्मा पर मारपीट के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की व दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में मंडी थाना प्रभारी पुष्पेंद्र राठौर ने बताया कि एक नाबालिग किशोरी के अपहरण के मामले में अरुण मेवाड़ा को शक के आधार पर पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था। युवक के साथ किसी भी प्रकार के मारपीट नहीं की गई। उसके एक दिन बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। एमएलसी रिपोर्ट में उसे चोट के कोई निशान नहीं हैं।

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