सीहोर: धार्मिक कार्यक्रमों की धूम, चल रही श्रीराम और शिव कथा
Sumit Sharma
सीहोर। सीहोर नगर सहित जिले में इस समय धार्मिक कार्यक्रमों की धूम है। नगर मेें अलग-अलग स्थानों पर श्रीराम एवं शिव कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु-भक्त कथा में पहुंचकर कथा श्रवण कर रहे हैं। नगर में विश्वनाथपुरी में भी उद्धवदासजी महाराज के मुखारबिंद से कथा का श्रवण कराया जा रहा है। हमें अपनी वास्तविकता को छुपाना नहीं चाहिए: उद्धवदास जी महाराज जब भगवान भोलेनाथ का माता पार्वती से विवाह हुआ तब वे अपनी बारात लेकर अपने मूल स्वरूप में ही पहुंचे। इससे सब देवता उनकी बारात से पृथक होकर विवाह में पहुंचे, किन्तु भोलेनाथ न केवल अपने स्वभाव से पहुंचे बल्कि बाराती भी अपने गणों को ही बनाकर ले गए। इस माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि आप अपनी प्रकृति और मूल स्वभाव को ज्यादा दिन किसी से छिपाकर नहीं रख सकते, जब भी आप अपनी वास्तविकता को छुपाकर कोई कार्य करोगे और जब असलियत सामने आएगी तब आप सामने वाले को कोई जवाब नहीं दे सकोगे। ये बातें सुप्रसिद्ध रामकथा वाचक श्रीश्री 1008 महंत उद्धवदास जी त्यागी महाराज ने कही। वे शहर के सीवन स्काई सिटी के नजदीक विश्वनाथपुरी में स्थित प्रसिद्ध श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर प्रांगण में नौ दिवसीय रामकथा का श्रवण करा रहे हैं। महाराजश्री ने कहा कि आजकल माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे सही रास्ते पर चले और सदगुण अपनाए, किंतु इसके लिए पहले माता-पिता को ही आदर्श बनकर उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। बच्चे घर से ही ज्यादा सीखते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को चाहिए कि वे अपने माता-पिता का आदर करें और उनके द्वारा पालन-पोषण में किए गए त्याग को समझे, बच्चों को माता-पिता से कभी भी उंची आवाज में बात नहीं करना चाहिए।
कलयुग में हनुमानजी के दर्शन सबसे वंदनीय: पंडित देवेन्द्र शास्त्री हनुमान जी से बड़ा कोई भक्त नहीं है। इस कलयुग में तो हनुमानजी के दर्शन सबसे बड़े वंदनीय माने जाते हैं। जिस तरह से भक्त के बिना भगवान अधूरे माने जाते हैं, ठीक वैसे ही हनुमान जी के बिना श्रीराम भी अधूरे ही हैं। इसलिए कहा जाता है कि जब भी आप हनुमानजी के मंदिर में जाएं तो जयश्री राम कहें या जय सीताराम कहें। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम चंदेरी में जारी संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान कथा व्यास पंडित देवेन्द्र शास्त्री ने कहे। उन्होंने कहा कि प्रबिसि नगर कीजे सब काजा हृदयं राखि कौसलपुर राजा… चौपाई के माध्यम से बताया भगवान भक्तों के हृदय में ही विराजमान रहते हैं। राम दूत मैं मातु जानकी, सत्य शपथ करुणा निधान की, यह मुद्रिका मातु मैं आनी, दीन्ह राम तुम्ह कह सहिदानी। पंडित श्री शास्त्री ने कहा कि सुंदरकांड के गूढ़ तत्वों का उल्लेख किया। कहा कि जब हनुमान जी भगवान राम का दूत बनकर लंका में प्रवेश करते हैं, तो वह अपना रूप अत्यंत लघु कर लेते हैं। यज्ञ के संचालक धर्मरक्षक पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे ने बताया कि ग्राम चंदेरी पूरी तरह राममय हो गया है। यहां पर सुबह से यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, दोपहर में श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है, वहीं शाम को भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है।