सीहोर-रेहटी। वेतनमान, प्रमोशन सहित कई अन्य प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे पटवारियों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सीहोर जिले के पटवारी लगातार हड़ताल पर बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध सरकार कोे जगाने के लिए कर रहे हैं। इसी कोे लेकर जहां पटवारियों ने तिरंगा यात्रा निकाली, तहसील कार्यालयों में झाड़ू लगाई, रक्तदान किया तो वहीं अब उन्होंने बरसते पानी में 111
पैदल यात्रा लेकर पहुंचे सलकनपुर-
कांग्रेस ने दिया समर्थन, किया स्वागत-
हड़ताल पर बैठे पटवारियोें को लगातार कांग्रेस नेेताओं का समर्थन मिलता रहा है। सीहोर, इछावर, आष्टा सहित अन्य तहसीलोें में हड़ताल पर बैठे पटवारियोें के बीच में कांग्रेस के नेता पहुंचे। सलकनपुर मेें भी बुधनी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेताओें ने चुनरी यात्रा का फूल बरसाकर स्वागत किया तो वहीं पटवारी संघ के पदाधिकारियोें को माला
पंडित प्रदीप मिश्रा को भी सौंपा था ज्ञापन-
इससे पहले पटवारी सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा कोे भी अपनी मांगोें कोे लेकर ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसी तरह वे रक्तदान करकेे भी विरोेध जता चुके हैैं तोे वहीं उन्होेंने तिरंगा यात्रा भी निकाली। तहसील परिसरोें में भी झाड़ू लगाई। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ भी किया और अब चुनरी यात्रा निकालकर धार्मिक विरोेध जताया।
ये हैं पटवारियोें की प्रमुख मांगे-
– विगत 25 वर्षों में प्रदेश के पटवारियों के वेतनमान में कोेई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि पटवारियों से पूरे सेवाकाल में कार्य लेने वाले राजस्व विभाग एवं उसकी पदस्थापना वाले भू-अभिलेख विभाग के राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख के वेतनमान में कई बार वृद्धि की जा चुकी है।
– पटवारी वेतनमान पे ग्रेड-2800 के लिए भी वर्ष 2007 पटवारी महाअधिवेशन सनावद में घोषणा की गई थी। उस समय राजस्व मंत्री द्वारा लिखित में भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन इसकेे बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया।
– समयमान वेतन प्रदेश के पटवारियों को ग्रेड-पे के सापेक्ष समयमान वेतन दिया जा रहा है, जबकि विधि अनुसार पद के सापेेक्ष समयमान वेतन प्रति 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिया जाना चाहिए। जबकि प्रदेश में पटवारी संवर्ग को समयमान वेतन पद के सापेक्ष ना होकर पे-ग्रेड के सापेक्ष में दिया जाता है।
– पटवारियोें कोे पदोेन्नति भी नहीं दी जा रही है। जबकि विगत कुछ माह पूर्व राजस्व विभाग के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक के पदों को पदोेन्नत करते हुए डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार पर पदोेन्नति दी गई है, लेकिन प्रशासन की रीड की हड्डी मानेे जानेे वाले पटवारी पद के साथ भेदभाव करके पदोेन्नति सेे वंचित रखा गया है।
– विगत दस वर्षों से अधिक समय से पटवारी केे किसी भत्तेे में भी कोई वृद्धि नहीं की गई है। पटवारियों द्वारा राजस्व से संबंधित कामकाज के अलावा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओें के कार्य भी किए जाते हैं। पटवारी संघ ने गृह भाड़ा भत्ता (अन्य कर्मचारियोें के अनुसार वेेतन का निर्धारित प्रतिशत), अतिरिक्त हल्के का भत्ता 10 हजार रूपए, यात्रा भत्ता 3 हजार रूपए, अन्य विभागों केे कार्य हेतु भत्ता 5 हजार रूपए, मोबाइल एवं डाटा भत्ता एक हजार रूपए एवं कार्यालय भत्ता 2 हजार रूपए की मांग महंगाई के अनुसार की है।
ये काम हो रहे प्रभावित-
– राजस्व से संबंधित बंटवारा सहित अन्य कार्य नहीं होे रहे हैं।
– छात्र-छात्राओें के मूल निवासी, आय, जाति सहित अन्य प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं।
– चुनावी वर्ष मेें कई तरह केे चुनावी कार्य भी प्रभावित होे रहे हैं।
– किसानों की फसलों का सर्वे नहीं हो पा रहा है।
इनका कहना है-
हमारी वेतनमान, पदोन्नति सहित कई अन्य प्रमुख मांगें हैं, जिनको लेकर हड़ताल की जा रही है। अब सीहोेर जिले के सभी पटवारियोें ने रेहटी से सलकनपुर तक पैदल चलकर चुनरी यात्रा निकाली है और मां बिजासन के दरबार मेें भी एक ज्ञापन सौंपकर मांगों के संबंध में अर्जी लगाई है। हमारी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द पटवारियों के हितोें को ध्यान में रखकर निर्णय ले।
– संजय राठौर, जिलाध्यक्ष, मप्र पटवारी संघ, जिला-सीहोर