सीहोर: भाजपा में बुजुर्ग नेता-कार्यकर्ता दरकिनार, नहीं मिल रहा सम्मान
- पार्टी के समर्पित पुराने बुजुर्ग कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए बैठक, होगा घर-घर जाकर सम्मान

सीहोर। भारतीय जनता पार्टी के जिन पुराने नेताओं, कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए निःस्वार्थ भाव से जमीनी स्तर पर कार्य किया, जो नेता जनसंघ के जमाने से पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले, जिन नेताओं, कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन पार्टी के लिए समर्पित किया अब वे ही बुजुर्ग नेता पार्टी से दरकिनार किए जा रहे हैं। उन्हें पार्टी में मान-सम्मान नहीं मिल रहा है। पार्टी, संगठन के पदाधिकारी उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी के ही कुछ युवाओं ने ऐसे बुजुर्ग नेताओं, कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए एक बैठक का आयोजन करके बुजुर्ग नेताओं, कार्यकर्ताओं के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। अब ये नेता ऐसे बुजुर्ग नेताओं, कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनका सम्मान करेंगे।
एक तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल लगातार दौरे करके जहां कार्यकर्ताओं, नेताओं से मिल रहे हैं तो वहीं वे वरिष्ठ नेताओं के घर पहुंचकर उनसे भी आशीर्वाद मांग रहे हैं, लेकिन सीहोर जिले में स्थिति इसके विपरीत है। यहां पर वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता एवं पार्टी के पदाधिकारी ही दरकिनार किए जा रहे हैं। इसके लिए सीहोर के वार्ड नंबर 14 दोहर मोहल्ले में गत दिवस एक बैठक आयोजित की गई। बैठक का शुभारंभ पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई सहित भाजपा के पितृपुरूषों के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। बैठक को संबोधित करते हुए युवा भाजपा नेता मनोज शर्मा ने कहा कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है, लेकिन पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं का दर्द है कि उन्हें अब पहले जैसा सम्मान पार्टी में नहीं मिल रहा है। यह बड़ी दुख की बात है। कुछ कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि अब उनकी भाजपा के युवा नेता और जनप्रतिनिधि सुनने को तैयार नहीं है, जबकि उन्हें सपने दिखाए गए थे कि जब हमारी सरकार होगी तो किसी को कोई भी परेशानी नहीं होगी, लेकिन अब अपने ही सरकारी कामों के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और सम्मान को भी तरसना पड़ रहा है। अब ऐसे ही भूले-बिसरे जनसंघी और भाजपा कार्यकर्ताओं का सम्मान किए जाने की योजना तैयार की गई है। सब एक साथ पहले की तरह मिलेंगे और अपने दुख-सुख बाटेंगे। बैठक में उपस्थित पुराने कार्यकर्ताओं को भाजपा नेता सेवा यादव, हरीश विश्वकर्मा ने भी संबोधित किया। उपस्थित कार्यकर्ताओं को फूलमाला पहनाई गई और उन्हें कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रण दिया गया। बैठक में प्रमुख रूप से श्यामलाल शर्मा, हरिसिंह चावड़ा, घिसीलाल विश्वकर्मा, मदनलाल विश्वकर्मा, शंकरलाल छाया, बाबूलाल छाया, रामदास बरेला, मूलचंद छाया, देवी सिंह, तुलसीराम छाया, मुंशीलाल राठौर, प्रभु लाल, सतीश दोहरे, विजय छाया, कल्लू राठौर, ताराचंद्र प्रजापति, नाथू सिंह भिलाला, जगन्नाथ प्रजापति, संतोष पाराशर, मुन्नालाल जायसवाल सहित बड़ी संख्या में बुजुर्ग भाजपा कार्यकर्ता नागरिक मौजूद रहे।
भाजपा भी चली कांग्रेस की राह-
पार्टी के अंदर गुटबाजी को लेकर अब तक कांग्रेस की ही बातें होती थी, लेकिन अब भाजपा भी कांग्रेस की राह पर है। सीहोर में ही भाजपा नेताओं के बीच में आपसी गुटबाजी चरम पर है। इसके कई उदाहरण भी हैं। भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान और गुटबाजी के कारण जहां सीहोर का विकास पिछड़ा हुआ है तो वहीं अब तक सीहोर नगर मंडल की कार्यकारिणी भी घोषित नहीं हो सकी है। जो विकास कार्य हुए हैं उनमें भी नेता अपना-अपना श्रेय लेने में जुटे हुए हैं। कई दिग्गज एवं सक्रिय नेताओं की अनदेखी भी की जा रही है। उनका लाभ पार्टी को मिलता रहा है, लेकिन नेताओं की आपसी खींचतान के चलते वे भी पार्टी से दरकिनार किए जा रहे हैं। ऐसे में अब संगठन को नेताओं की इस आपसी खींचतान पर मंथन करना चाहिए।
प्रदेश की राजनीति में रहा है सीहोर का दबदबा-
यूं तो प्रदेश की राजनीति में सीहोर का दबदबा हमेशा से रहा है। सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा से लगातार चुनाव जीतकर शिवराज सिंह चौहान 17 वर्षों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन अब सीहोर जिला ही राजनीति का भी शिकार होने लगा है। इसके कारण कहीं न कहीं सीहोर जिले के नेता भी हैं, जिनके कारण जिले की किरकिरी हो रही है।