सीहोर-रेहटी। महाशिवरात्रि के अवसर पर सीहोर जिला पूरी तरह शिवभक्ति में नजर आया। हर तरफ शिवमय माहौल रहा तोे वहीं हर-हर महादेव की गूंज भी रही। सीहोर के नजदीकी कुबेरेश्वर धाम सहित प्रसिद्ध तीर्थ टपकेश्वर महादेव, रमघढ़ा स्थित रूद्रधाम सहित अन्य स्थानों पर भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना हुई तोे वहीं फलाहारी खिचड़ी का प्रसादी वितरण भी किया गया। इधर सीहोर मेें भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने भी सीहोर के मनकामेेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की एवं खिचड़ी का प्रसादी वितरण किया। देर शाम नगर में भगवान शिव की बारात का आयोजन भी किया गया। इस दौरान पूरा नगर शिव भक्ति में रमा नजर आया।
भगवान भोलेनाथ सिर्फ भाव के भूखे हैं: पंडित प्रदीप मिश्रा
कुबेरेश्वर धाम पर चल रहे रूद्राक्ष महोत्सव के दौरान शिवमहापुराण का श्रवण भी कराया जा रहा है। महाशिवरात्रि के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा उपस्थित जनसमुदाय को भगवान भोलेनाथ की कथा के बारे में बताया गया। पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भगवान भोले नाथ तोे सिर्फ भक्तों के भाव के भूखे हैं। वे अपने भक्तों की भक्ति से जल्द ही प्रसन्न भी हो जाते हैं, इसलिए हमेशा मन में भगवान शिव, माता पार्वती, श्रीगणेश एवं श्री कार्तिकेेयजी के भाव को रखकर उनकी पूजा-अर्चना करें। उन्होेंने कहा कि एक लौटा जल चढ़ाकर अपनी सारी समस्याएं भगवान भोलेनाथ से कह दोे तोे वे आपकी सारी समस्याओें का हल निकाल देंगे। उन्होंने एक लौटा जल को सारी समस्या का हल बताया। कुबेरेश्वर धाम पर प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक कथा का श्रवण कराया जा रहा है। इस दौरान इसका लाइव टेलीकास्ट भी चल रहा है। इससे पहले महाशिवरात्रि के अवसर पर कुबेरेश्वर धाम पर भगवान भोलेनाथ का विशेष अभिषेक, पूजन-अर्चन किया गया। यहां पर महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या मेें श्रद्धालु-भक्त पहुंचेे। इस दौरान उन्हें फलाहारी प्रसादी का वितरण भी किया गया। महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तोें के कारण भोपाल-इंदौर मुख्य मार्ग पर कई बार जाम के हालात बनते रहे। हालांकि पुलिस प्रशासन लगातार वहां मुस्तैद है एवं व्यवस्थाओें को बनाने में जुटा हुआ है। इसके बाद भी वाहन रैंगते हुए चल रहे थे। पैदल भी लोग बड़ी संख्या में कुबेरेश्वर धाम पहुंचे।
रूद्रधाम पर चल रहा नवकुंडात्मक महायज्ञ, श्रीराम कथा सहित अन्य कथाएं-
रेहटी। सीहोर जिले की रेहटी तहसील के ग्राम रमघढ़ा स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रूद्रधाम इस समय क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर श्रीश्री 1008 श्रीपरमहंस महाराज एवं श्रीश्री 108 श्री बजरंगगिरी महाराज के सानिध्य में भव्य नवकुंडात्मक महायज्ञ चल रहा है। इस दौरान 11 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण हो रहे हैैं। प्रतिदिन शिवलिंग का निर्माण कर इनका अभिषेक, पूजन होता है। शाम कोे आरती एवं प्रसादी का वितरण किया जाता है। यज्ञ संचालन समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश मालवीय ने बताया कि यह महायज्ञ 23 वर्षों से लगातार किया जा रहा है। इसी कड़ी में इस वर्ष भी 14 से 20 फरवरी तक इसका आयोजन किया गया है। शिवलिंग निर्माण एवं अभिषेक, पूजन पंडित जीवनलाल शास्त्री होशंगाबाद वालों द्वारा कराया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर महायज्ञ भी चल रहा है। यज्ञाचार्य पंडित दिनेशचंद्र शर्मा द्वारा प्रतिदिन यज्ञ का पूजन एवं आहुतियां छुड़वाई जा रही हैं। इस दौरान यहां पर श्रीमदभागवत कथा, श्रीदेवी पुराण कथा, शिवपुराण कथा सहित अन्य कथाएं भी हो रही हैं तोे वहीं अंतरराष्ट्रीय कथावाचक डॉ. कृष्णानंद महाराज अजमेर द्वारा श्रीराम कथा का श्रवण भी कराया जा रहा है। कथा का समय दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक है। कथा के दौरान भजनों की धुन पर भक्तों द्वारा जमकर भक्तिभाव की जा रही है। इधर महाशिवरात्रि के अवसर पर रूद्रधाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहंचे एवं भगवान शिव के दर्शन कर यज्ञ मेें शामिल हुए एवं श्रीराम कथा का श्रवण भी किया। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां पर बाबा महाकाल का निर्माण किया गया है। बाबा महाकाल का विशेेष पूजन अर्चन हुआ तो वहीं उनकी भष्म आरती भी हुई। शाम को महाआरती का आयोजन हुआ। इस दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फलाहार का प्रसादी वितरण भी किया गया। हजारोें भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। सुबह से ही भक्तोें के आने का सिलसिला शुरू हुआ जोे लगातार जारी रहा।
टपकेश्वर महोदव मंदिर, यहां वर्षभर पहाड़ों से होता है जलाभिषेक
रेहटी तहसील मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर एवं मां बिजासन धाम सलकनपुर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर है। यहां पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग नकटीतलाई से करीब 5 किलोमीटर जंगल में से होकर गुजरना पड़ता है। पथरीले रास्ते एवं जंगल के बीच से यहां पहुंचने पर एक गुफा में बाबा टपकेश्वर महादेव विराजमान हैं। इसी तरह ग्राम बायां से भी टपकेश्वर जाने के लिए सड़क मार्ग बनाया जा रहा है। ये सड़क मार्ग शासन द्वारा स्वीकृत किया गया है। टपकेश्वर महादेव पर वर्षभर पहाड़ों से पानी टपकता है, जिससे बाबा भोलेनाथ का अभिषेक होता रहता है। ये जलाभिषेक यहां पर अनंत वर्षों से हो रहा है। यहां पर कई चमत्कार भी देखने को मिलते हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर यहां बड़ी तादाद में श्रद्धालु भक्त पहुंचते हैं। यहां पर मेला लगता है तो वहीं लोग यहां आकर प्रसादी वितरण करते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मनोकामनाएं पूरी होने पर कई श्रद्धालु यहां आकर भंडारा भी करते हैं। यहां पहुंचने के लिए पैदल या अपने वाहन से भी जा सकते हैं। इधर टपकेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पॉवरमेक कंपनी की तरफ से निःशुल्क जल सेवा दी गई। कम्पनी द्वारा ये सेवाकार्य लगातार चलाए जाते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां पर आर्केस्ट्रा का आयोजन भी रखा गया है। इससे पहले महाशिवरात्रि की पूर्व रात्रि को रातभर टपकेश्वर भगवान का अभिषेक भी चलता रहा।