सीहोर : भगवान परशुराम के जयकारों से गूंजा शहर, तीन क्विंटल से अधिक फूलों की वर्षा कर किया स्वागत

सीहोर। भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव  के अंतर्गत रविवार को भव्य चल समारोह के साथ मनाया गया। इस मौके पर छावनी में भव्य शोभायात्रा निकली। शहर में भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठा। चल समारोह को लेकर क्षेत्र को बैनर-पोस्टर और तोरण गेट से आकर्षक रूप से सजाया गया था जहां विप्रजनों का पुष्पवर्षा का स्वागत अभिनंदन किया। प्रसिद्ध डमरू दल और घंटा बाजा के साथ जयपुर-खिलचीपुर के बैंडबाजे के अलावा छिंदवाड़ा की ढोल पार्टी के साथ मनमोहक झांकिया निकली। सर्व ब्राह्मण समाज के नेतृत्व में भगवान श्री परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर तीन क्विंटल से अधिक फूलों से विप्रजनों का स्वागत किया गया था, इसके अलावा स्थान-स्थान पर शहर के सभी समाजजन, संगठन, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने स्टाल लगाकर ठंडाई आदि का वितरण किया।
सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने किया स्वागत-
सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा निकाले गए भव्य चल समारोह का नगर में विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने मंच लगाकर स्वागत, सत्कार किया। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में चल समारोह में शामिल हुए समाज के अध्यक्ष दीपक शर्मा, चल समारोह समिति के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा मौनी, महिला मंडल की अध्यक्ष नीलम शर्मा, युवा अध्यक्ष नयन जोशी, मनोहर शर्मा का समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, जितेन्द्र तिवारी, मनोज दीक्षित मामा, पंडित कुणाल व्यास आदि ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
एक दर्जन से अधिक कथावाचक भी शामिल हुए-
सर्व ब्राह्मण समाज के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि चल समारोह में भगवान हनुमान और भगवान परशुराम की झांकी के अलावा एक दर्जन से अधिक कथा वाचक शामिल थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भगवान श्री परशुराम त्याग और तपस्या के बल पर मौजूद है। समाज को हमेशा की तरह राष्ट्र निर्माण तथा जीवन की आचरण संहिता के पालन में अपनी भूमिका का निर्वहन करना है। कर्म हमारी छाया है जो हमारे साथ चलती है और अंत में उसका प्रतिफल हमें अवश्य मिलता है, आप सभी सदा संगठित रहें तथा राष्ट्र एवं धर्म के लिए सदैव समर्पित रहे। चल समारोह के उपरांत शहर के बाल विहार मैदान पर करीब आठ हजार से अधिक विप्रजनों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी।
ढोल पार्टी, डमरू दल रहे आकर्षण का केंद्र-
चल समारोह के दौरान प्रसिद्ध डमरू दल और घंटा बाजा के साथ जयपुर-खिलचीपुर के बैंडबाजे के अलावा छिंदवाड़ा की ढोल पार्टी भी आकर्षण का केंद्र रहे। चल समारोह की शुरूआत सर्व ब्राह्म्ण समाज धर्मशाला से हुई। इस दौरान कोतवाली, बाजार होते हुए शोभायात्रा बाल विहार मैदान पर समाप्त हुई। यहां पर विप्रजनों के लिए भोजन, प्रसादी की व्यवस्था थी।
ये रहे उपस्थित-
इस मौके पर चल समारोह में धर्मशाला ट्रस्ट अध्यक्ष मनोहर शर्मा, अध्यक्ष दीपक शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सुदीप व्यास, महिला मंडल अध्यक्ष नीलम शर्मा, चल समारोह अध्यक्ष आशुतोष शर्मा मौनी, महिला अध्यक्ष चल समारोह शोभा शर्मा, महामंत्री रमाकांत समाधिया, चल समारोह संयोजक राजेन्द्र शर्मा कल्लू, प्रभारी प्रवीण तिवारी, समाज के सचिव जितेन्द्र तिवारी, युवा संगठन अध्यक्ष नयन जोशी, कोषाध्यक्ष रुपेश तिवारी, राकेश शर्मा, सह संयोजक राजेश मोहन शर्मा, नवीन मिश्रा, भोजन व्यवस्था प्रभारी चंद्रमोहन शर्मा, मुरली शर्मा, चल समारोह सह प्रभारी योगेश श्रोत्रिय, नवनीत उपाध्याय, खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रभारी महेन्द्र शर्मा, राकेश शर्मा, प्रचार-प्रसार दीपक पुरोहित, सुनील शर्मा, सतीश भार्गव, नितिन उपाध्याय, महामंत्री युवा संगठन ऋषि पाराशर, पूजन व्यवस्था प्रभारी अशोक पाराशर सहित बड़ी संख्या में समाज के पुरूष, महिला, युवा शामिल रहे।वैदिक ब्राह्मण समाज, पुजारी संघ ने किया स्वागत-
प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वाधान में निकाले गए भव्य चल समारोह का शहर के कोतवाली चौराहे पर यशोदानंदन सेवा समिति एवं वैदिक ब्राह्मण समाज, पुजारी संघ ने मंच बनाकर सभी विप्रजनों का स्वागत किया। इस मौके पर महामंडलेश्वर पंडित अजय पुरोहित ने संबोधित करते हुए कहा कि भगवान परशुराम किसी वर्ग विशेष के शत्रु नहीं थे वह केवल इस संसार में अत्याचार के खिलाफ थे। इस मौके पर अध्यक्ष पंडित वीरेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष पंडित रविशंकर शर्मा, कोषाध्यक्ष पंडित पीयूष शर्मा, मीडिया प्रभारी अभिषेक उपाध्याय, सचिव पंडित जगदीश शर्मा, सहसचिव पंडित संजय व्यास, पंडित पृथ्वी बल्लभ दुबे, पवन व्यास, पंडित संतोष भारद्वाज, सुरेंद्र भारद्वाज, पंडित संतोष शर्मा, पंडित विक्रांत शर्मा, पंडित गोविंद व्यास, अनिल शर्मा, राहुल शर्मा, अखिलेश राजोरिया, अजय शर्मा, पंडित मनीष शर्मा, अनिल शर्मा, रुपेश शर्मा अनमोल शर्मा एवं समस्त वैदिक ब्राह्मण एवं पुजारी संगठन संघ शामिल थे।