सीहोर : भाजपा-कांग्रेस में आदिवासियों को लेकर जारी है शह-माह का खेल

बुदनी विधानसभा के 17 गांवों के 300 आदिवासियों ने ली थी कांग्रेस की सदस्यता, अब भाजपा बता रही इन्हें अपना

सुमित शर्मा
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यूं तो देश की राजनीति आदिवासियों के इर्द-गिर्द ही घूमती दिखाई दे रही है, लेकिन इस समय सबसे ज्यादा चर्चाएं सीहोर जिले की बुदनी विधानसभा क्षेत्र की है। यहां पर भी आदिवासियों पर जमकर राजनीति चल रही है। भाजपा-कांग्रेस आदिवासियों को लेकर अपने-अपने दावे पेश कर रही है। दोनों दलों के नेता आदिवासियों को लेकर शह-मात का खेल खेलने में लगे हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस शह-मात के खेल में कौन परास्त होता है।
दरअसल पिछले दिनों बुदनी विधानसभा के कांग्रेस के युवा नेता अर्जुन शर्मा निक्की ने बुदनी विधानसभा की वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता व आदिवासी वित्त विकास निगम अध्यक्ष निर्मला बारेला एवं भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मालवीय के गृह ग्राम सहित भाजपा चकल्दी मंडल अध्यक्ष शेषनारायण पंवार के कार्यक्षेत्र के लगभग 17 गांवों के करीब 300 से अधिक आदिवासियों को भोपाल में पीसीसी चीफ कमलनाथ के हाथों कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। इसके बाद से यहां पर राजनीति शुरू हो गई। इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मालवीय एवं निर्मला बारेला ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस करके कांग्रेस के इस दावे को झूठा बताते हुए आदिवासियों को भाजपा का ही बताया। दोनों नेताओं ने दावा किया कि जिन आदिवासियों को कांग्रेस पार्टी में शामिल होना बताया जा रहा है वे सब भाजपा के हैं और रहेंगे। इसके बाद अब कांग्रेस नेता अर्जुन शर्मा निक्की ने भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मालवीय एवं भाजपा की वरिष्ठ आदिवासी नेता निर्मला बारेला के इस दावे पर करार हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर उन आदिवासियों के वीडियो शेयर किए हैं, जिन्होंने भोपाल पहुंचकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। ये आदिवासी वीडियो में यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि वे आज भी कांग्रेस में ही हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने भाजपा के वापसी के दावे को भी गलत बताया है। आदिवासी रघुवीर कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि वे वर्षों तक भाजपा में रहे, लेकिन उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। अब वे कांग्रेस पार्टी के साथ ही रहेंगे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में आदिवासियों द्वारा यह दावा भी किया जा रहा है कि भाजपा नेताओं द्वारा दो-तीन आदिवासियों को डरा-धमकाकर भाजपा में वापसी कराई है, लेकिन 298 आदिवासी अब भी कांग्रेस पार्टी के साथ ही हैं।
बुदनी विधानसभा में नहीं मिल रहा न्याय-
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुदनी विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों को न्याय भी नहीं मिल पा रहा है। आदिवासियों द्वारा जहां सरकार की योजनाओं नहीं मिलने के कारण धर्म परिवर्तन करके ईसाई धर्म अपनाया जा रहा है तो वहीं अब उन्हें भाजपा सरकार की योजनाओं पर भी भरोसा नहीं दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि वे लगातार सत्ता, संगठन से खपा होकर या तो धर्म परिवर्तन कर रहे हैं या फिर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम रहे हैं। हालांकि आदिवासी वर्ग वर्षों से कांग्रेस पार्टी का परंपरागत वोट बैंक रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा आदिवासियों के हितों के लिए शुरू की गर्इं योजनाएं एवं इनके बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं ने उन्हें भाजपा के प्रति विश्वसनीय भी बनाया है। इसके बाद भी इन आदिवासियों तक सरकार की योजनाएं एवं इनका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। ये कहीं न कहीं सिस्टम की खामियां हैं तो वहीं स्थानीय नेताओं की लापरवाही भी है।