
सीहोेर। लगातार हुई तेज बारिश से सीहोर जिले में भारी नुकसान भी हुआ है। खेतों में पानी भरा जाने से फसल बर्बाद हो गई तो सीवन नदी में आए सैलाब ने स्वदेश नगर के कुछ कच्चे मकानों को जमींदोज कर दिया। इसके अलावा कई घरों में रखा गृहस्थी का तमाम सामान बाढ़ की भेंट चढ़ गया। सोमवार को बारिश का दौर थमा को बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों में बर्बादी का मंजर साफ नजर आया। विधायक सुदेश राय ने बाढ़ पीड़तों से मिलकर प्रशासन से तत्काल अर्थिक मदद करने के लिए कहा है, वहीं एसडीएम ने तहसीलदार को नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। इधर रेहटी में भी बारिश का पानी दुकानों में घुस गया, जिसके कारण व्यापारियों का भारी नुकसान हुआ है।
बीते तीन दिन से आसमान से बरस रहे पानी ने आफत की बारिश का रूप ले लिया। शनिवार की सुबह से रविवार की सुबह आठ बजे तक महज सवा इंच बारिश हुई थी। मामूली बारिश होने के बाद भी सीहोर में पानी का जलजला आ गया। ऊपरी क्षेत्रों में हो रही जोरदार बारिश और भगवानपुरा तालाब का पानी छोड़े जाने के कारण सीवन नदी उफान पर बह रही थी। इसके कारण सैकड़ाखेड़ी, स्वदेश नगर, बड़ियाखेड़ी, सीवन लाइफ कालोनी आदि क्षेत्रों के घरों में पानी भरा गया था। आलम यह था कि लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए। इन लोगों को रेस्क्यू किया गया, गनीमत रही कि रविवार को जिला मुख्यालय पर मूसलाधार बारिश नहीं हुई अन्यथा जान-माल का भारी नुकसान होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता था।
सब कुछ बाढ़ की भेंट चढ़ा-
सीवन नदी में आई बाढ़ से सर्वाधिक नुकसान स्वदेश नगर में हुआ। यहां ज्यादातर मजदूर तबका निवास करता है तथा कई मकान कच्चे हैं। जोरदार बहाव के साथ आए जलसैलाब ने इन घरों में रखे सामान को तो बर्बाद कर दिया साथ ही इन्हें ढहा दिया। स्वदेश नगर में लगभग आधा दर्जन मकानों की दीवारें ढह गई है, वहीं कुछ कच्चे मकान तो रहने लायक भी नहीं बचे। ज्यादातर रहवासियों के पास केवल तन पर पहने कपड़े ही बचे थे। स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भोजन, पानी व कपड़े मुहैया कराए गए।
घरों में कीचड़ ही कीचड़, लोगों ने रिश्तेदारों के यहां ली शरण-
सोमवार की सुबह स्वदेश नगर में चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रही थी। एक दिन पहले जिन घरों में पानी भरा हुआ था, वह दलदल में तब्दील हो गए थे। क्षेत्र की बुजुर्ग शांतिबाई ने बताया कि रविवार की रात तो उसने अपने रिश्तेदार के घर शरण ली, लेकिन अब वह कहां रहेगी, यह चिंता उसे सता रही है, क्योंकि उसके दो कमरे के मकान की एक दीवार ढह गई है, तो दूसरा कमरा भी गिरने की कगार पर है। ऐसा ही हाल दो बच्चों के साथ रहने वाली विधवा मजदूर महिला रेखा का है। उसके घर में रखा अनाज बारिश की भेंट चढ़ गया, तो बच्चों की किताब-कापियां भी भीगकर खराब हो गईं। इन जैसे और भी कई परिवार हैं, जिनका बाढ़ के पानी में सब कुछ बर्बाद हो गया है।
बर्बाद हो गई खड़ी फसल-
जिला मुख्यालय सहित चंदेरी, बरखेड़ी, जहांगीरपुरा सहित अनेक गांव में खेत तालाब में तब्दील हो गए। दूसरे दिन सोमवार को भी अधिकांश खेतों में पानी भरा हुआ था और जिन खेतों से पानी की निकासी हो चुकी थी, वहां फसल पूरी तरह मटियामेट नजर आ रही थी। चंदेरी के किसान मेहताबसिंह की मानें तो वह दो बार सोयाबीन की बोवनी कर चुका था। रविवार को हुई मूसलाधार बारिश से खेतों में पानी घुस आया था और पानी के तेज बहाव में सोयाबीन की फसल बह गई। ऐसा ही कुछ कहना अन्य ग्रामीणों का था। हैरत की बात तो यह है कि रविवार को आई भीषण बाढ़ के चलते सब कुछ गंवा चुके लोगों की मदद के लिए प्रशासन आगे नहीं आया है, जिससे लोगों में आक्रोश का माहौल बना हुआ है।
पुरानी चंदेरी व तकीपुर के ग्रामीणों ने भी की आर्थिक सहायता की मांग, कलेक्टर व तहसीलदार के नाम सौंपा ज्ञापन
मूसलाधार बारिश के कारण सीहोर जिले के ग्राम पुरानी चंदेरी एवं तकीपुर के ग्रामीणों ने भी कलेक्टर व तहसीलदार के नाम ज्ञापन सौंपकर आर्थिक सहायका की मांग की है। दरअसल पुरानी चंदेरी एवं तकीपुरा गांव त्रिवेणी नदी में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए। यहां भी मकान क्षतिग्रस्त हुए तो वहीं अनाज एवं सामान भी खराब हो गया। सोेमवार को पुरानी चंदेेरी एवं तकीपुरा के ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचेे औैर यहां पर उन्होेंने ज्ञापन सौैंपकर प्रशासन से उनकी फसल, घर सहित अन्य खराब हुए सामान के मुआवजे की मांग की है। ज्ञापन सौैंपने वालों में बक्शीलाल, गजराज, ताराचंद, संजु, अरूण, रेशम बाई, शीला बाई, चिन्ता बाई, ज्योति बाई, ताराबाई, रईस खां, स्वरूप मेवाड़ा सहित अन्य बाढ़ पीड़ित मौैजूद रहे।
इनका कहना है-
मैंने अधिकारियों को अतिवर्षा से प्रभावित परिवारों का सर्वे करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा निज स्टाफ को भी कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों की अपने स्तर से तत्काल मदद की जाए। इसके अलावा फसलों का भी सर्वे कराया जाएगा और शासन स्तर से सहायता प्रदान कराई जाएगी।
– सुदेश राय, विधायक सीहोर
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नुकसान का सर्वे करने के निर्देश तहसीलदार को दिए हैं। सर्वे के बाद आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं सीएमओ नपा को साफ सफाई करने के निर्देश दिए हैं।
– अमन मिश्रा, एसडीएम सीहोर