सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ पिपल्यामीरा स्थित जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री जहां आसपास की जमीनों सहित सीहोर की जीवनधारा सीवन नदी एवं क्षेत्र के पानी के स्त्रोतों को जहरीला बनाकर बीमारियां फैला रही है, वहीं इस फैक्ट्री में बनने वाला जहरीला पनीर विदेशियों को भी खिलाया जा रहा है। अब जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री के बननेे वालेे दुग्ध उत्पादों सहित यहां के पनीर कोे एफएसएसएआई ने भी मानक के अनुरूप नहीं पाया है औैर इस पर अपनी मुहर भी लगा दी है। इसके बाद भी जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री पर स्थानीय जिला प्रशासन ने मेहरबानी बनाकर रखी हुई है। खाद्य विभाग द्वारा न तो यहां पर कार्रवाई की जा रही है औैर न ही यहां पर कोई जांच की जा रही है। इससे साफ है कि पनीर फैक्ट्री प्रबंधन यहां के जिम्मेेदारोें कोे भी मोेटी रकम देेकर चुपचाप बैठने पर विवश किए हुए है। इधर पनीर फैक्ट्री की मनमानी को लेकर कांग्रेस ने भी कहा है कि यदि पनीर फैक्ट्री पर कार्रवाई नहीं हुई तोे उग्र आंदोलन किया जाएगा। जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री लगातार अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में हैै। पनीर फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले कैमिकलयुक्त पानी के कारण जहां आसपास की जमीनोें की सेहत खराब हो चुकी है तोे वहीं अब फैक्ट्री से निकलने वाला जहरीला पानी सीहोरवासियोें के लिए भी जहर खोल रहा है। इसका पानी जहां भगवानपुरा तालाब में निकाला जा रहा है तोे वहीं इससे सीहोर की जीवनधारा सीवन नदी की सेहत भी बिगड़ रही है।
पनीर फैक्ट्री बनाती है हानिकारक दुग्ध उत्पाद-
सीहोर जिला कांग्रेस महासचिव पंकज शर्मा ने कहा है कि जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री में बनाए जा रहे पनीर, मक्खन, स्किम्ड मिल्क पाउडर, मठा पाउडर आदि को मिलावटी और लोगों की सेहत के लिए हानिकारक बताया गया है। इसमें पाम ऑयल, वेजिटेबल फैट, शुगर, फैटी एसिड तथा कई प्रकार के हानिकारक केमिकल आदि प्रतिबंधित तत्वों की भी मात्रा पाई गई है, जिससे लोगों में गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने भी अपनी जांच में इस पनीर को मानक के अनुरूप नहीं पाया था तो वहीं खाद्य विभाग की टीम ने भी यहां से 36 लाख का पाम ऑयल का टैंकर जब्त किया था। इसके अलावा एनजीटी ने भी इस फैक्ट्री पर 1.24 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाकर तत्काल उत्पादन बंद करने को कहा था, लेकिन इतना सब होने के बावजूद और दो बार कंपनी के उत्पादों के सैंपल फेल होने के बाद भी इस फैक्ट्री में नियम विरुद्ध उत्पादन और निर्यात जारी है। सबसे पहले सितम्बर 2022 में इसके पनीर का सैंपल लिया था और इसमें वेजिटेबल फैट पाया गया, जिसे कंपनी ने चैलेंज किया तो फिर मार्च 2023 में रेफरल लेबोरेटरी ने इसे पुनः अमानक पाया तथा कहा कि सैंपल के फैटी एसिड का मिलान दूध में पाए जाने वाले फैट से किया जाना प्रतीत होता है। इसके अलावा इस पनीर फैक्ट्री ने दिल्ली की एईएस लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड की फर्जी सील और साइन लगाकर तथा फर्जी टेस्टिंग रिपोर्ट बनाकर अपने तीन किस्म के चीज, पांच किस्म के पनीर और बटर विदेश तक में बेच दिए। इसकी शिकायत कंपनी ने पुलिस में करके पनीर फैक्ट्री के डीजीएम को नोटिस जारी कर दिया। एफएसएसएआई ने 11 अप्रैल 2023 को इस कंपनी में बनने वाले पनीर को मानक के विपरीत पाया था तथा इसमें वेजिटेबल फैट, शुगर, फैटी एसिड, पाम ऑयल सहित कई केमिकल पाए गए थे, जिनसे कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है तथा ऐसे खाद्य उत्पादों का प्रयोग करना फूड सेफ्टी रेगुलेशन एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। इस कंपनी ने एक वेटरनरी डॉक्टर की फर्जी आईडी और सील बनाकर उनके नाम का दुरुपयोग करके अपने घटिया दुग्ध उत्पादों को सही बनाने के लिए फर्जीवाड़ा किया, जिसकी भी शिकायत की गई है। इतना सब करने के बाद भी कंपनी में रोज सैकड़ों टन नकली दुग्ध उत्पादों का उत्पादन और विदेश तक में निर्यात हो रहा है, लेकिन जनता के स्वास्थ्य से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस पर मौन हैं और उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा भी इस पनीर फैक्ट्री के नकली तथा हानिकारक उत्पादों के विरोध में एक आंदोलन किया गया था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने कांग्रेस पार्टी की मांग को अनसुना कर और सभी आपत्तियों को खारिज कर इस फैक्ट्री को क्लीनचिट दे दी थी। श्री शर्मा ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है और अब कांग्रेस पार्टी पुनः जिला प्रशासन से इस फैक्ट्री को सील कर इसके संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग करेगी और यदि इस बार मांग नहीं मानी गई तो फिर चुनाव आचार संहिता के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा इस फैक्ट्री की अनियमितताओं के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ते हुए सीहोर की जनता को साथ लेकर एक बड़ा और उग्र जनांदोलन चलाया जाएगा।