
सीहोर। देश भर में स्वच्छता सर्वेक्षण में सीहोर को छठवां स्थान और प्रदेश में पहला नंबर दिलाने वाले सफाई मित्रों को इस उपलब्धि की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। जिस शहर की शान बढ़ाने के लिए ये सफाई मित्र दिन रात मेहनत करते हैं, उसी शहर ने उन्हें उनके मेहनताने से वंचित रखा है। आलम यह है कि सफाई कर्मचारियों को पिछले दो महीनों का वेतन नहीं मिला है और दो दिन बाद तीसरा महीना भी शुरू होने जा रहा है।
वेतन न मिलने के कारण सफाई मित्रों के परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों को अपने बच्चों की स्कूल की फीस, घर के राशन पानी का खर्चा और जरूरी लोन की किस्त चुकाने में भारी परेशानी हो रही है।
त्योहारों पर फीकी पड़ी खुशियां
यह समय त्यौहारी सीजन का है। जहां एक ओर नवरात्रि चल रही है, वहीं दो दिन बाद दशहरा और फिर खुशियों का सबसे बड़ा पर्व दीपावली आने वाला है। हर कोई अपने घरों में खुशियां और नई चीजें लाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन वेतन के लाले पड़े होने के कारण सीहोर के इन ‘स्वच्छता दूतों’ के लिए ये त्योहार दुख भरा महसूस हो रहा है।
नहीं करते सेहत की परवाह
सफाई मित्रों का कहना है कि वे शहर को नंबर.1 बनाए रखने के लिए अपनी सेहत की परवाह न करते हुए लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन जब उनके अपने ही परिवार को मूलभूत जरूरतों के लिए तरसना पड़ रहा है तो उनका मनोबल टूट रहा है। उन्होंने बताया कि दो महीने से वेतन नहीं मिला, जबकि दो दिन बाद तीसरे महीने की शुरुआत हो जाएगी।