सेल्फी बनी मौत का कारण, झरने में डूबे दो युवकों को निकाला, गमगीन हुआ माहौल
- मृतक युवकों के परिजन सोमवार सुबह पहुंचे, 11 बजे मिले झरने में डूबे दो छात्र

सीहोर। युवाओं, महिलाओं, पुरूषों में सेल्फी का क्रेज कई गुना बढ़ गया है, लेकिन ये सेल्फी जानलेवा भी साबित हो रही है। ऐसा ही सेल्फी लेते समय दो छात्रों की मौत का मामला भी सामने आया। कोठरी के पास स्थित वीआईटी कॉलेज के पांच छात्र रविवार को सीहोर जिले की इछावर तहसील के दौलतपुर से लगे देवास जिले के खिवनी अभ्यारण के जंगल में स्थित भेरूखो वाटरफॉल पर पिकनिक मनाने गए थे, लेकिन तभी सेल्फी लेते वक्त एक छात्र का पैर फिसला और वह झरने में जा गिरा। उसे बचाने के लिए दूसरे दोस्त ने भी छलांग लगा दी, लेकिन दोनों ही बाहर नहीं आ सके। उनके अन्य तीन दोस्तों ने इसकी सूचना दी। इसके बाद इछावर थाना पुलिस एसडीआरएफ और एम्बुलेंस के साथ घटनास्थल पर पहुंची एवं रेस्क्यू शुरू किया, लेकिन शाम होने के कारण रेस्क्यू में परेशानियां आईं। इसके बाद सोमवार को फिर से रेस्क्यू शुरू किया गया और करीब 11 बजे दोनों के शव निकाले गए।
सुबह से स्थानीय लोग पहुंचे, झरने में बनी कोच में फंसे थे दोनों-
खिवनी अभ्यारण्य स्थित भेरूखो वाटरफॉल में सोमवार को सुबह से ही स्थानीय लोग भी पहुंच गए। इस दौरान एसडीआरएफ एवं पुलिस की टीम भी वहां मौजूद थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोगों की भी मदद ली गई। दोनों युवक झरने में बनी कोच में फंस गए थे। उन्हें स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। इसके बाद उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस दौरान वहां पर माहौल गमगीन भी हो गया। युवकों के परिजन भी सोमवार को सुबह कोठरी पहुंचे।
तीन छात्र होस्टल में, दो रहते थे बाहर-
वीआईटी कॉलेज के पांच छात्रों में से तीन छात्र होस्टल में ही रहते थे और दो बाहर रहते थे। हादसे में जान गंवाने वाले हेमंत पिता कृष्णा राव एमटेक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का छात्र था एवं होस्टल में ही रहता था। वहीं सिन्मुक पिता प्रकाश राव बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग का छात्र था एवं बाहर रहता था। इनके अलावा छात्र नरेंद्र पिता चंद्रशेखर बीटेक कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा है और वह बाहर रहता है। वामासी पिता कोठी एमटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग सायबर सिक्योरिटी का छात्र है एवं होस्टल में ही रहता है। ललित पिता सेनमुख एमटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग सायबर सिक्योरिटी का छात्र है एवं होस्टल में ही रहता है।
माह में एक बार मिलती है बाहर जाने की अनुमति-
वीआईटी प्रबंधन द्वारा बताया गया कि सभी छात्र-छात्राओं को माह में एक बार बाहर जाने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए उन्हें उनके पेरेंट्स, फैकल्टी एवं होस्टल के वार्ड से भी अनुमति लेनी होती है। कई बार स्टूडेंट्स गलत जानकारी देकर भी बाहर चले जाते हैं। कई बार स्टूडेंट भोपाल का बोलकर और कहीं घूमने चले जाते हैं। ऐसे में प्रबंधन भी मजबूर हो जाता है। हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों ने भी भेरूखो वाटरफॉल जाने की अनुमति नहीं ली थी, लेकिन वे लोग वहां पहुंचे गए और हादसे का शिकार हो गए। इधर एसपी सीहोर दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि वीआईटी कॉलेज के पांच छात्र नरेंद्र, वामासी, ललित, सिन्मुक और हेमंत रविवार को पिकनिक मनाने खिवनी अभ्यारण के जंगल में स्थित भेरूखो वाटरफॉल पर पहंुचे थे। इनमें से सिन्मुक उम्र 20 निवासी हैदराबाद और हेमंत उम्र 20 वर्ष निवासी हैदराबाद झरने में डूब गए। दोनों के शव निकाल लिए गए हैं।
मौज-मस्ती पड़ी भारी-
पांच दोस्तों को पिकनिक मनाना एवं मौज-मस्ती करना भारी पड़ गया। वे रविवार को खिवनी अभ्यारण्य के भेरूखो वाटरफॉल पर पहुंचे थे। इस दौरान वे मौज-मस्ती कर रहे थे, तभी एक छात्र सेल्फी ले रहा था, लेकिन इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह झरने में जा गिरा। इसी दौरान एक अन्य छात्र बचाने के लिए झरने में कूद गया, लेकिन दोनों ही बाहर नहीं आ सके। तीन युवक सकुशल हैं। उन्होंने ही जंगल से बाहर आकर घटना की सूचना दी। इसके बाद इछावर थाना पुलिस की टीम एसडीआरएफ एवं एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंची। इस दौरान वन विभाग का अमला भी घटनास्थल पर पहुंचा।
गहरा बताया जा रहा है झरना-
सीहोर जिले की इछावर तहसील के दौलतपुर गांव से लगे देवास जिले के खीवनी अभ्यारण के जंगल में स्थित भेरू खो झरना बेहद गहरा बताया जाता है। बहुत उपर से इसमें पानी गिरता है, जिसके कारण यह झरना सभी के लिए उत्सुकता पैदा करता है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा चेतावनी भी जारी की गई है कि बारिश के दिनों में झरने के पास नहीं पहुंचे। सीहोर जिला प्रशासन ने भी इसके लिए सख्ती बरती है। सभी झरनों, तालाबों, बांधों सहित नदियों पर पिकनिक मनाने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। रविवार को कर्मचारियों की ड्यूटी भी यहां पर लगाई जाती है, ताकि लोग यहां पर नहीं पहुंचे। इसके बाद भी पांच युवक यहां पर पहुंच गए।
इनका कहना है-
वीआईटी के दो छात्रों के साथ दुखद घटना हो गई है। पांच छात्र, जिनमें से तीन होस्टल में रहते हैं एवं दो बाहर रहते हैं। ये सभी घूमने गए थे। इसके लिए इन्होंने अपने पेरेंट्स की भी अनुमति ली थी। इसके बाद फैकल्टी एवं होस्टल वार्डन से भी अनुमति लेकर गए थे। माह में एक बार बच्चों को जरूरी सामान या अन्य कोई काम के लिए बाहर जाने की अनमुति दी जाती है। इसके लिए उन्हें अपने पेरेंट्स, फैकल्टी एवं वार्डन से भी अनुमति लेनी होती है। कई बार बच्चे गलत जानकारी देकर भी बाहर चले जाते हैं। इन बच्चों ने भी भेरूखो वाटरफॉल जाने की अनुमति नहीं ली थी, लेकिन ये लोग वहां पहुंच गए। घटना की जानकारी बच्चों के पेरेंट्स को दे दी गई थी। वे लोग सुबह ही वीआईटी पहुंच गए हैं।
– केके नैय्यर, रजिस्टार, वीआईटी