‘टूटी उम्मीदें’, सीहोर जिले से विदा हुआ मानसून, औसत से कम बारिश ने किसानों को किया चिंतित

सीहोर। जिले में मानसूनी सीजन की अवधि समाप्त होने के साथ ही किसानों की अच्छी बारिश की उम्मीदें टूट गई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस साल मानसून जिले के औसत बारिश के आंकड़े को छूने में नाकाम रहा है और अब मौसम विभाग ने सीहोर समेत पश्चिमी संभागों से मानसून की वापसी की पुष्टि कर दी है, जिससे अब ठंडक का असर बढ़ेगा।
जिले का औसत बारिश का आंकड़ा 1148.4 एमएम है। इस वर्ष मानसूनी सीजन 1 जून से 10 अक्टूबर तक में जिले में औसतन 1088.7 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से लगभग 60 एमएम कम है।
बुदनी और भैरुंदा में औसत से अधिक बारिश
हालांकि जिले के कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है। बुदनी में 1590.2 एमएम और भैरुंदा में 1238.0 एमएम बारिश हुई है, जो उनके औसत आंकड़ों से अधिक है, लेकिन सीहोर तहसील में 929.2 एमएम और आष्टा में 901.0 एमएम ही बारिश हुई है।
पिछले साल से काफी कम आंकड़े
बारिश के आंकड़े पिछले साल की तुलना में भी काफी कम हैं। गत वर्ष 1 जून से 10 अक्टूबर की अवधि में जिले में औसत बारिश 1133.7 एमएम दर्ज की गई थी, जबकि इस साल यह 1088.7 एमएम रही। सीहोर तहसील में पिछले साल 1270.4 एमएम बारिश हुई थी, जो इस साल 929.2 एमएम काफी कम है।
सीहोर में अब बढ़ेगी रात की ठंडक
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि सीहोर (भोपाल संभाग का हिस्सा) समेत पश्चिमी मध्यप्रदेश के 40 से अधिक जिलों से मानसून की वापसी हो चुकी है। अब यहां ठंड का असर बढऩे लगा है। जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में हुई बर्फबारी के कारण उत्तरी ठंडी हवाओं का रुख इन संभागों की तरफ हो गया है, जिससे अब दिन की गर्मी कम होगी और रातें ठंडी रहेंगी।