’शिव’ की शिव ने सुनी पुकार, कहीं झमाझम, कहीं बौछार
- प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बारिश तो कहीं हुई बूंदाबांदी
भोपाल। प्रदेशभर में सूखेे के हालात से जनजीवन सहित किसानों की स्थिति बेहद दयनीय है। इस समय हर जगह पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। यदि बारिश नहीं होगी तो स्थिति बेहद दयनीय भी होगी। भारत में आमतौर पर मानसून 1 जून से 30 सितंबर तक होता है। इस हिसाब से 75 प्रतिशत मानसून निकल चुका है और देश में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मध्यप्रदेश में भी औसत से करीब 25 प्रतिशत बारिश अब तक कम हुई है। कम बारिश एवं सूखे के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन पहुंचकर भगवान महाकाल के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करके बाबा महाकाल से प्रदेश में अच्छी बारिश की प्रार्थना की। इससे पहले उन्होंने प्रदेशभर में नागरिकोें से अपील भी की थी कि सभी भगवान से अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना करें। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेशवासियोें की भगवान शिव ने प्रार्थना सुनी। मंगलवार को दिनभर तो बेहद उमस रही, गर्मी रही, लेकिन चार बजे के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम अचानक बदला और कहीं-कहीं पर अच्छी बारिश हुई तोे सीहोेर जिले सहित कई जगह बूंदाबांदी ही हो सकी। हालांकि मौसम विभाग एवं ज्योतिषीय अनुमान के मुताबिक अगस्त माह में बारिश होेगी। यदि अच्छी बारिश होती है तोे पानी का कोटा पूरा होगा और किसानों की फसलें भी पैदा हो सकेंगी। फिलहाल अभी जगह-जगह भगवान से प्रार्थना की जा रही हैै कि प्रदेश में अच्छी बारिश हो।
बारिश को लेकर हुआ हवन, फसलों को लेकर सौंपा ज्ञापन-
सीहोर। इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण सीहोेर जिले में सोयाबीन, धान, मक्का सहित अन्य फसलें खराब हो रही हैं। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं। किसानों के इस संकट में कांग्रेस के युवा नेता और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल के नेतृत्व में जहां कलेक्ट्रेट पहुंचकर फसलों के लिए फसल बीमा और मुआवजे की मांग को ज्ञापन सौंपा गया तो वहीं अच्छी बारिश केे लिए हवन भी किया गया। पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल ने बताया कि इस वर्ष बारिश नहीं होने से उमस और गर्मी के साथ किसानों की फसल चौपट हो रही है। इसको लेकर इछावर क्षेत्र के कांकडख़ेड़़ा स्थित मरीह माता मंदिर में हवन किया गया। इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिन किसानों की फसल खराब हो गई है, जो किसान बारिश नहीं होने के कारण खेती नहीं कर सके हैं और बकाया बीमा राशि सहित अन्य मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।