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’शिव’ की ’ ‘शक्ति और सख्ती’, सब हुए ’मूर्छित’…

सुमित शर्मा, सीहोर
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सीहोर जिले की हाईप्रोफाइल बुधनी विधानसभा सीट पर इस समय उपचुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार जोरों पर है। बुधनी विधानसभा की सीट शिवराज सिंह चौहान के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद रिक्त हुई है। अब इस सीट पर उपचुनाव को लेकर आचार संहिता प्रभावशील है। बुधनी उपचुनाव को लेकर 13 नवंबर को मतदान होगा और इसके नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। इससे पहले बुधनी में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की शक्ति और सख्ती दोनों देखने को मिली। यहां से भाजपा ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। उनके प्रचार-प्रसार के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं समूचा मंत्रिमंडल, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, भाजपा संगठन ने भी यहां पर मोर्चा संभाल रखा है, लेकिन बुधनी में ’शिव’ यानी शिवराज सिंह चौहान की ’शक्ति और सख्ती’ ने सभी को मूर्छित सा कर दिया है। ’शिव की ’शक्ति और सख्ती’ से सबसे ज्यादा मूर्छित कांग्रेस पार्टी और उनके प्रत्याषी राजकुमार पटेल दिखाई दे रहे हैं। ’शिव की शक्ति और सख्ती का असर भाजपा के उन नेताओं पर भी दिखाई दिया है, जो बुधनी से टिकट की दावेदारी कर रहे थे एवं भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव का विरोध भी कर रहे थे, लेकिन अब शक्ति और सख्ती से इन नेताओं को भी मूर्छित होना पड़ा।
बुधनी के उपचुनाव में ’शिवशक्ति’ उस समय देखने को मिली, जबकि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं एवं प्रत्याशियों ने यहां पर अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाया। शक्ति प्रदर्शन करके वे मतदाताओं को रिझाने के साथ ही चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे। शक्ति प्रदर्शन से घरों में बैठे उनके नेताओं ने भी जोर पकड़ा, लेकिन वह शक्ति प्रदर्शन ’शिव’ की शक्ति के आगे मूर्छित हो गया। इसके बाद ’शिव की ’सख्ती’ भी उस समय दिखाई दी, जब एक सभा में भरे मंच से उन्हें अपना ’रौद्र’ रूप दिखाना पड़ा। दरअसल भाजपा के अंदरखानों में ही प्रत्याशी रमाकांत भार्गव को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं। ये चर्चाएं प्रदेश नेतृत्व के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व एवं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक भी पहुंची, लेकिन शिवराज की सख्ती के बाद अब इन चर्चाओं का दौर भी समाप्त हो गया। इसके बाद तो बुधनी में सब मूर्छित से दिखाई दिए।
शिवराज सिंह चौहान ने बनाया भाजपा का अजेय गढ़ –
बुधनी विधानसभा यूं तो हमेश से भाजपा का गढ़ रही है, लेकिन यहां से कांग्रेस ने भी चुनावों में जीत दर्ज कराई है। हालांकि 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद से यहां पर भाजपा ही जीतती रही है। शिवराज सिंह चौहान बुधनी से जीतकर ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते रहे। उन्होंने ही बुधनी को भाजपा का अजेय गढ़ बनाया और अब बुधनी विधानसभा को मध्यप्रदेश का रोल मॉडल एवं विकास मॉडल बनाया जा रहा है। बुधनी विधानसभा सीट से सबसे पहले वर्ष 1957 से 1962 तक राजकुमारी सूरज कला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से विधायक रहीं। वर्ष 1962 से 1967 तक बंसीधर स्वतंत्र रूप से विधायक रहे। वर्ष 1967 से 1972 तक मोहन लाल शिशिर भारतीय जनसंघ से विधायक रहे। वर्ष 1972 में शालिग्राम वकील स्वतंत्र, वर्ष 1977 में शालिग्राम वकील जनता पार्टी से, वर्ष 1980 में केएन प्रधान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा), वर्ष 1985 में चौहान सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से, वर्ष 1990 से शिवराज सिंह चौहान भाजपा से, वर्ष 1992 (पोल द्वारा) मोहन लाल शिशिर भाजपा, वर्ष 1993 राज कुमार पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से, वर्ष 1998 देव कुमार पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से, वर्ष 2003 में राजेन्द्र सिंह राजपूत भाजपा से, वर्ष 2006 (पोल द्वारा) शिवराज सिंह चौहान भाजपा से, वर्ष 2008 शिवराज सिंह चौहान भाजपा से, वर्ष 2013 शिवराज सिंह चौहान भाजपा से, वर्ष 2018 शिवराज सिंह चौहान भाजपा से एवं वर्ष 2023 में शिवराज सिंह चौहान भाजपा से विधायक रहे। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद बुधनी विधानसभा से इस्तीफा सौंप दिया।
अब बुधनी को बनाया जा रहा रोड मॉडल –
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की और सत्ता पर काबिज हुई। इसके बाद कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद छिंदवाड़ा मॉडल को प्रदेशभर में अपनाने की मुहिम शुरू की, लेकिन यह मुहिम आगे बढ़ती इससे पहले ही 15 माह में कमलनाथ सरकार गिर गई। इसके बाद फिर से भाजपा की सरकार बनी और शिवराज सिंह चौहान को फिर से नेता चुना गया। उन्होंने एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा मॉडल को टक्कर देने के लिए बुधनी मॉडल पर काम शुरू किया। प्रज्जवल बुधनी के नाम से बुधनी में विकास के कई कार्य शुरू हुए। प्रज्जवल बुधनी के तहत सलकनपुर देवीधाम का कार्य शुरू हुआ। बुधनी में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी गई। नर्मदा घाटों को पक्का करने का कार्य शुरू हुआ। पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों पर निर्माण कार्य शुरू हुए। छोटे शहरों को मिनी स्मार्टसिटी के रूप में विकसित करने की मुहिम शुरू हुई। इस तरह करीब 80 से अधिक कार्यों की सूची तैयार की गई। अब बुधनी को मध्यप्रदेश के विकास मॉडल के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा।

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