आंवलीघाट में चल रही शिवपुराण कथा, पूर्णाहूति के साथ होगा समापन एवं भंडारे का आयोजन

- प्रसिद्ध कथावाचक अर्जुनरामजी शास्त्री कान्हाजी महाराज वृंदावन धाम करा रहे कथा का श्रवण

रेहटी। प्रति वर्षानुसार इस बार भी प्रसिद्ध मां नर्मदा तट आंवलीघाट स्थित गुरूदेव दत्तकुटी तीर्थ क्षेत्र में 6 से 14 दिसंबर तक श्रीशिव महापुराण का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रसिद्ध कथावाचक अर्जुनरामजी शास्त्री कान्हाजी महाराज वृंदावन धाम द्वारा कथा का श्रवण कराया जा रहा है। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्र से श्रद्धालु-भक्त पहुंच रहे हैं। कथा का आयोजन गुरूदेव दत्तकुटी तीर्थ क्षेत्र आंवलीघाट के महंत स्वामी जमनागिरीजी महाराज की प्रेरणा से गुरुदेव भगवान दत्तात्रेय महाप्रभु की जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में कराई जा रही है। हालांकि कथा से पहले महंत स्वामी जमनागिरीजी महाराज एक दुर्घटना में घायल हो गए हैं, जिसके चलते उनके पैर में फ्रैक्चर है। उन्होंने सभी श्रद्धालु-भक्तों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधारकर कथा का श्रवण करे एवं अपने जीवन को धन्य मनाएं। कथा का आयोजन प्रत्येक दिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक हो रहा है। कथा की पूर्णाहूति, विसर्जन व भंडारा 14 दिसंबर 2024 दिन शनिवार को है।
शिवपुराण की कथा मनुष्यों का कल्याण करती है: कान्हाजी महाराज
नर्मदा तट आंवलीघाट पर चल रही श्रीशिव महापुराण की कथा में राष्ट्रीय धर्माचार्य कान्हाजी महाराज ने शिव महापुराण की महिमा में बताया कि शिव पुराण मनुष्यों का कल्याण करती है। भगवान शिव की आराधना भक्ति करने से मनुष्यों के जीवन का उद्धार होता है। जिस प्रकार से भगवान विष्णु ने अलग-अलग अवतार लेकर धरती से राक्षसों का संहार किया। उसी प्रकार से भगवान शिव के भी कई अवतार हुए हैं। भगवान शिव ने असुरों का बध करके संतों के कल्याण के लिए अनेक अवतार लिए थे। उनमें कभी भैरव अवतार, कभी

नदी अवतार, कभी हनुमान अवतार, कभी दुर्वासा अवतार। इस प्रकार से भगवान शिव ने अनेक प्रकार के अवतार लेकर मनुष्यों का, जीवों का कल्याण किया है। भगवान शिव केवल प्रलयकारी नहीं हैं, भगवान शिव करुणा अवतार भी हैं। कान्हाजी महाराज ने श्रीशिव महापुराण के दौरान द्वादश ज्योतिर्लिंगों की कथा में प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की कथा को श्रवण कराते हुए बताया कि मनुष्य भगवान सोमनाथ के दर्शन करके या उनकी कथा को श्रवण करके भगवान आशुतोष भोलेनाथ की कृपा से संपूर्ण विघ्न बाधाओं और संकट से मुक्त हो सकता है।
कथा से पहले चोटिल हुए महंत स्वामी जमनागिरीजी महाराज-
मां नर्मदा तट आंवलीघाट स्थित गुरूदेव दत्तकुटी तीर्थ क्षेत्र के महंत स्वामी जमनागिरीजी महाराज कथा से पहले चोटिल हो गए। उनके पैर में फै्रक्चर हो गया, जिसके चलते कथा के दौरान भक्तों, शिष्यों ने उनके मार्गदर्शन में बागडोर संभाले रखी। वे इस समय बैडरेस्ट पर हैं, जिसके कारण चलने-फिरने में दिक्कतें हैं। उन्होंने समस्त आंवलीघाट वासियों सहित क्षेत्रवासियों, भक्तों से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में कथा में पधारें एवं भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करके प्रसादी प्राप्त करें।

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