
सुमित शर्मा, सीहोर
मध्यप्रदेश में 17 वर्षों से अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर टाईगर जिंदा है… एवं नायक… की भूमिका में नजर आए। उन्होंने अपने गृह जिले सीहोर की बेलगाम और दिशाहीन होती अफसरशाही को दिशा के माध्यम से ‘दिशा’ दिखाई तो वहीं जमकर लताड़ भी लगाई। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान सीहोर कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति दिशा की बैठक लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग के कार्यों और योजनाओं, खनिज विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पीएम आवास योजना, बिजली विभाग, जल संसाधन विभाग, जिला शहरी विकास अभिकरण की समीक्षा सहित अन्य विभागों की समीक्षा भी की। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें योजनाओं की स्थिति से अवगत कराया, लेकिन बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने योजनाओं की जब वास्तविक स्थिति बताई तो शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को जमकर लताड़ा। केंद्रीय मंत्री ने बिजली विभाग की समीक्षा में विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई तो वहीं खनिज विभाग की समीक्षा में भी वे खनिज विभाग के अधिकारियों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी से दिन-रात मशीनों से अवैध उत्खनन हो रहा है और अधिकारियों को इसकी सुध ही नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने अन्य विभागों की समीक्षा में भी अधिकारियों को नसीहत दी है कि वे ईमानदारी से कार्य करें। योजनाएं आम लोगों के लिए है और आम लोगों तक इनका लाभ पहुंचे।
अधिकारी नहीं देते जनप्रतिनिधियों को तवज्जो, हो रही थी शिकायतें-
सीहोर जिले में इस समय अफसरशाही जनप्रतिनिधियों पर भारी है। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते सीहोर जिले में जनप्रतिनिधियों को खासी तवज्जो मिलती रही है, लेकिन जब से शिवराज सिंह चौहान केंद्र में गए हैं, तब से स्थितियां बदली हुर्इं हैं। अधिकारी जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते हैं, उनके काम भी नहीं होते हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसको लेकर सीहोर जिले के जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मुलाकात करके उन तक यह शिकायत पहुंचाई थी तो वहीं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक भी लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं। सांसद, विधायकों तक के कार्यों में अड़ंगा लगाया जा रहा है। उन्हें जनता को जबाव देना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिशा की बैठक में अधिकारियों की क्लास लगाई और उनसे योजनाओं की स्थिति जानी तो वहीं उन्हें नसीहत दी है कि टाईगर अभी जिंदा है…। इससे पहले उन्होंने कहा कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और संचालन के लिए मिलकर काम करना चाहिए। इससे योजनाओं का प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा और लोगों को उनका लाभ मिलेगा। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच सहयोग और समन्वय आवश्यक है। अधिकारी योजना का कार्यान्वयन करते हैं, जबकि जनप्रतिनिधि जनता की जरूरतों और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के साथ ही जमीनी हकीकत से अवगत कराते हैं। जब दोनों मिलकर टीम के रूप में काम करेंगे तो योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू होंगी और लोगों को उनका पूरा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर सीहोर जिले को विकास के मामले में एक आदर्श जिला बनाने के संकल्प के साथ काम करना है।
पारित हुआ सर्वसम्मति से प्रस्ताव-
इन विभागों की हुई समीक्षा-
बिजली विभाग की समीक्षा में अधिकारियों को जमकर लगाई फटकार-
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिशा बैठक के दौरान बिजली विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई। दरअसल बिजली विभाग को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। सीहोर विधायक सुदेश राय एवं नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने भी इस संबंध में ध्यान आकर्षित कराया था। अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इस संबंध में शिकायतें की थीं। इस दौरान बढ़े हुए बिजली के बिलों सहित कई अन्य समस्याओं को लेकर समीक्षा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के प्रत्येक नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में नियमानुसार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करें और उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित समाधान करें। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटरों के बारे में आमजन को घर-घर जाकर जागरूक करें।
ये रहे उपस्थित-
बैठक में भोपाल सांसद आलोक शर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव, सीहोर विधायक सुदेश राय, आष्टा विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर, जिला पंचायत अध्यक्ष रचना सुरेंद्र मेवाड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, सीहोर नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, सभी जनपदों के अध्यक्ष, सभी नगरीय निकायों के अध्यक्ष, एसपी दीपक कुमार शुक्ला, डीएफओ मगन सिंह डाबर, जिला पंचायत सीईओ नेहा जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे।