सीहोर-रेहटी। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में अल्पवर्षा के कारण मची त्राहि-त्राहि और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भगवान महाकाल के दरबार में अच्छी बारिश के लिए की गई पूजा-अर्चना के बाद अब जहां भगवान महाकाल और इंद्रदेव ने मेहरबानी करके भारी बारिश करवा दी है तो अब हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण नर्मदा सहित अन्य नदियां उफान पर बह रही है। इनके कारण सीहोर जिला मुख्यालय से लेकर भैरूंदा, रेहटी, आष्टा, बुधनी सहित अन्य तहसील मुख्यालयों सेे ग्रामीण क्षेत्रोें का संपर्क भी टूट गया है। जिले की भैरूंदा, रेहटी तहसील के आंवलीघाट, नीलकंठ, सीलकंठ, बाबरी, मरदानपुर सहित अन्य नर्मदा घाटों पर पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया। बरगी, तवा सहित अन्य बांधोें के गेेट भी खोल दिए गए।
कलेक्टर ने की सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील-
लगातार बारिश के चलते एवं बरगी, तवा सहित अन्य बांधों के गेट खुलने को लेकर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने भी अधिकारियोें को निर्देश दिए हैं कि वे नर्मदा तट के आसपास के क्षेत्रों का दौरा करते रहे और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। कलेक्टर ने बांधों के गेट खुलने की सूचना को लेकर भी लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित राजस्व अमला भी अलर्ट पर है। बरगी, तवा सहित अन्य बांधों के गेट खुलने के कारण नर्मदा नदी के निचले हिस्सोें में पानी भरा गया है, जिसके कारण लोगोें कोे सुरक्षित स्थानों पर भी पहुंचाया गया है।
बच्चे नहीं पहुंचे स्कूल, पेपर हुआ निरस्त-
सीहोेर जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा तो वहीं जिले की तहसीलों में कई स्कूूलों की परीक्षाएं निरस्त की गईं। बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर होने से कई बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाए। दरअसल कई निजी स्कूलों में इस समय टेस्ट एवं परीक्षाएं चल रही हैं। जिला मुख्यालय सहित तहसील स्तर पर स्कूलों में आसपास केे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी आते हैं, लेकिन भारी बारिश के चलते इन गांवों का संपर्क ही टूट गया। इसके कारण बच्चे स्कूलों में नहीं पहुंच पाए और स्कूलों ने परीक्षाएं भी निरस्त कर दी।
किसानों के चेहरे खिले, धान, मक्का की फसल को राहत-
जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण अब किसानों के चेहरोें पर मुस्कान लौटी है। दरअसल पिछले दिनों बारिश नहीं होने के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल लगभग नष्ट हो गई है और अब किसानों की धान, मक्का भी खराब होने लगी थी, लेकिन बारिश के कारण धान एवं मक्का की फसलोें को जीवनदान मिल गया है। ऐसे में किसानों के चेहनोें पर भी मुस्कान लौट आई है।
इनका कहना है-
लगातार बारिश के चलतेे नर्मदा सहित अन्य नदी-नाले उफान पर रहे। हालांकि हर पल की जानकारी एकत्रित की जाती रही। कहीं से भी कोई ऐसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला। सभी पटवारियोें से भी अपने-अपने हल्कों की रिपोर्ट बुलाई गई है। जनजीवन सामान्य रहा।
– भूपेंद्र कैलाशिया, तहसीलदार, रेहटी, जिला-सीहोर