
सीहोर। सीहोर की जीवनधारा सीवन नदी तट से कुबेरेश्वर धाम तक 6 अगस्त को निकलने वाली भव्य कावड़ यात्रा से पहले कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को रुद्राक्ष वितरण के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इसमें दो महिलाओं की दबने से मौत हो गई तो वहीं 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि सिविल सर्जन द्वारा घायलों को लेकर पुष्टि नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि घायलों में भी दो की हालत गंभीर है। हादसे के बाद कुबेरेश्वर धाम पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, तो वहीं अधिकारियों ने भी मैदान में मोर्चा संभाला। यहां पर प्रशासन का भीड़ प्रबंधन भी नहीं दिखा और प्रशासन पर भी लापरवाही के आरोप लगे। भीड़ इतनी बढ़ गई कि ठहरने और दर्शन की व्यवस्थाएं भी ध्वस्त नजर आई। प्रसादी का वितरण भी बंद करा दिया गया। बताया जा रहा है कि कुबेरेश्वर धाम में रूद्राक्ष वितरण चल रहा था, लेकिन अचानक से इसे बंद कर दिया गया। इस दौरान वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया और एकदम से भगदड़ मच गई।
अस्पताल में हुई मौत की पुष्टि, मृतकों की पहचान जारी-
हादसे के बाद तीन घायलों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो महिलाओं को मृत घोषित कर दिया। दोनों की उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है। अभी तक मृत महिलाओं में एक महिला 56 वर्षीय जसवंती बहन (ओमनगर राजकोट, गुजरात) की पहचान हुई है। समाचार लिखे जाने तक दूसरी महिला की पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस पुष्टि करने में जुटी हुई थीं। सीहोर से कुबेरेश्वर धाम तक 6 अगस्त को पंडित प्रदीप मिश्रा की उपस्थिति में भव्य कावड़ यात्रा निकाली जाएगी। इस कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए दिल्ली, मुंबई, सूरत, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों के साथ ही प्रदेशभर से लाखों श्रद्धालु सीहोर पहुंचे हैं। कुबेरेश्वर धाम पर भीड़ का आलम ऐसा रहा कि ठहरने, भंडारे और दर्शन की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। यात्रा को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन ने यहां पर अधिकारियों, कर्मचारियों सहित भारी पुलिस बल की तैनाती की है। एसडीएम सीहोर तन्मय वर्मा को व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती का दावा किया था, जिनमें 4 डीएसपी, 7 टीआई और 30 सब-इंस्पेक्टर शामिल थे। इसके बावजूद हादसे के समय भीड़ नियंत्रित नहीं हो सकी।
हादसे के बाद हाहाकार, लग रहे लापरवाही के आरोप-
हादसे के बाद श्रद्धालुओं में भारी निराशा देखी गई। लोग व्यवस्थाओं की कमी पर सवाल उठा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति के बीच समन्वय की कमी और समय पर व्यवस्था लागू न हो पाने के कारण यह दुर्घटना हुई। लोग प्रशासन एवं जिम्मेदारों पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। घटना से एक दिन पहले अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह और एसडीएम तन्नय वर्मा ने कुबेरेश्वर धाम पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। बावजूद इसके हादसे के समय ना तो पर्याप्त फोर्स थी और ना ही मेडिकल टीमें समय पर पहुंच सकीं।
पुलिस का दावा-भगदड़ नहीं मची, सिविल सर्जन बोले-घायल नहीं हुए-
एएसपी सुनीता रावत ने घटना को भगदड़ मानने से इनकार किया है, लेकिन उन्होंने यह स्वीकारा कि रुद्राक्ष वितरण रुकने के बाद धक्का-मुक्की में दो महिलाओं की मौत और तीन-चार महिलाओं के घायल होने की पुष्टि हुई है। इधर जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ. प्रवीर गुप्ता ने कहा कि जिला अस्पताल में दो महिलाओं की बॉडी आई है। घायलों की सूचना नहीं है। महिलाओं के शवों को मरचूरी में रखवा गया है। पुलिस उनकी शिनाख्त कर रही है।
बुधनी में कावड़ यात्रा के दौरान हादसा, 33 केवी हाईटेंशन लाइट की चपेट में आए , डीजे पर बैठे थे –