
सुमित शर्मा
बढ़ते अपराध और इन्हें करने वाले अपराधियों में पुलिस का खौफ अब ज्यादा जरूरी हो गया है। पुलिस के खौफ से जहां अपराधों में कमी आएगी तो वहीं अपराध करने वाले भी पहले सोचने को मजबूर होंगे। अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए सीहोर जिले की भैरूंदा पुलिस ने जरूर आंख दिखाई है। हालांकि अपराधियों के लिए आंख दिखानेभर से काम नहीं चलेगा। ऐसे अपराधियों को तो और ज्यादा सख्ती की जरूरत है, ताकि कोई ओर ऐसे अपराध करने से पहले दो बार सोचे। भैरूंदा पुलिस की तत्परता से होटल में कार्य करने वाले कर्मचारियों के साथ मारपीट करने वाले वर्ग विशेष के चार आरोपियों को तत्काल पकड़ लिया गया और इनका नगर में जुलूस भी निकाला गया। न्यायालय ने आरोपियों को जेल भी भेज दिया। अब इस घटना के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं कि आखिरकार बिना किसी वजह के वर्ग विशेष के चार आरोपियों ने होटल में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ मारपीट कर दी। क्या बाकई में लोगों के अंदर से ’डर’ जैसी चीज बिल्कुल खत्म हो गई है या यह स्थिति किन्हीं ओर कारणों से बनने लगी है। पिछले कुछ समय से राजनीतिक दलों के नेता भी अपनी राजनीतिक चमक को बढ़ाने के लिए कई ऐसे बयान दे रहे हैं, जिनके कारण अंदर ही अंदर बहुत कुछ चल रहा है। अब तो ऐसे बयानों के नतीजे भी सामने आने लगे हैं। लोगों में एक-दूसरे के प्रति नफरत पैदा हो रही है। भाईचारा जैसा देखने को बेहद कम हो गया है। दूसरी तरफ भ्रष्ट तंत्र और सिस्टम ने भी अपराध करने वाले अपराधियों के हौसलों को बढ़ाया है। इस भ्रष्ट तंत्र के कारण कई अवैध गतिविधियां धड़ल्ले से संचालित हो रही है तो वहीं बड़े-बड़े कारनामे करने वाले अपराधी भी धड़ल्ले से घूम रहे हैं। सीहोर जिले में लगातार बढ़ते अपराधों और इन पर अंकुश लगाने, अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तो निर्देश होते हैं, लेकिन इन निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन शायद ही हो पाता हो। दरअसल आज के इस भ्रष्ट तंत्र में 100 प्रतिशत ईमानदारी से कार्य करने की गुंजाइश तो नहीं है, लेकिन अपराध और अपराधियों से पैसा लेकर उन्हें कार्य करने की छूट कहीं न कहीं बढ़ते अपराधों का कारण है। यदि समय रहते इन पर लगाम नहीं लगी तो आने वाला समय बेहद कठिन हो जाएगा। जिम्मेदारों को कम से कम अपने कार्यों के प्रति कुछ ईमानदारी तो रखनी चाहिए, ताकि सिस्टम चलता रहे और अपराधियों में भी खौफ बना रहे।