उर्वरक के अवैध व्यापार पर सख्ती, सीहोर जिले में दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त, 30 एफआईआर

सीहोर। प्रदेशभर सहित सीहोर जिले में उर्वरक एवं खाद-बीज के अवैध व्यापार पर सख्ती की जा रही है। यही कारण है कि सीहोर जिले में जहां दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं तो वहीं प्रदेशभर में इसके अवैध कारोबार से जुड़ी 30 एफआईआर दर्ज कराई गई है। इतना ही नहीं प्रदेशभर में 56 दुकानों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं, वहीं 70 लाइसेंस निलंबन और 188 विक्रय प्रतिबंधित करने की कार्रवाई भी की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में सहकारिता, राजस्व और किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि खरीफ 2025 के लिए किसानों को सुविधापूर्वक, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। यूरिया की मांग वाले जिलों में आगामी सात दिवस में प्राप्त होने वाले रैक और उर्वरक वितरण व्यवस्था संबंधी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, अवैध परिवहन पर कठोर कार्रवाई की जाए। इस दौरान सीहोर कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष से कलेक्टर बालागुरू के., एसपी दीपक कुमार शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन, जिला वनमंडलाधिकारी अर्चना पटेल, अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह, डिप्टी कलेक्टर सुधीर कुशवाह सहित अन्य अधिकारी बैठक में वीसी के माध्यम से शामिल हुए। बैठक के पश्चात कलेक्टर बालागुरू के. ने सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अमानक बीज बेचने पर जैन कृषि सेवा केंद्र का लाइसेंस निलंबित-
सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के लाड़कुई स्थित जैन कृषि सेवा केंद्र का बीज विक्रय लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। किसान कल्याण एवं कृषि विभाग सीहोर ने यह कार्रवाई बीज अधिनियम 1966 के उल्लंघन पर की है। उप संचालक कृषि अशोक उपाध्याय के आदेश पर यह निर्णय लिया गया। फर्म के खिलाफ बीज विक्रय में नियमों के उल्लंघन की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, पदेन उर्वरक निरीक्षक ने केंद्र का निरीक्षण किया था। जांच में बीजों का संग्रहण और विक्रय तय मानकों के खिलाफ पाया गया। फर्म ने बीज विक्रय अनुज्ञप्ति की प्रति नहीं दी। बीज की गुणवत्ता संदेहास्पद मिली। बिना वैध बिल और लेबलिंग के बीज बेचे जा रहे थे। क्रय-विक्रय, स्टॉक रजिस्टर और कैश मेमो भी प्रस्तुत नहीं किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि फर्म ने पंजीकृत बीज निर्माता कंपनियों के बीजों की जगह अन्य स्रोतों से प्राप्त बीज बेचे। इन सभी गड़बड़ियों के चलते कृषि उप संचालक ने कार्रवाई की। इसका मकसद बीज विक्रय में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है, ताकि किसानों को सही बीज मिल सके और वे किसी धोखे का शिकार न हों।
अमानक फफूंदनाशक बेचने वाले विक्रेता का लाइसेंस निरस्त-
एक अन्य कार्रवाई में अमानक फफूंदनाशक सुपर-907 बेचने पर आष्टा के कन्नौद रोड़ स्थित कीटनाशक विक्रेता मेसर्स अंबिका ट्रेडर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। किसानों की शिकायत पर कृषि विभाग द्वारा फील्ड का निरीक्षण एवं परीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि इस दुकान द्वारा बेचे गए फफूंदनाशक सुपर-907 के प्रयोग से लगभग 135 किसानों की 1500 एकड़ भूमि की सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई। परीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि इस उत्पाद की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं थी, जो कि कीटनाशी अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। इस संबंध में संबंधित विक्रेता को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें विक्रेता द्वारा दिया गया जवाब समाधान कारक नहीं पाया गया। प्रकरण की गंभीरता एवं किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए कीटनाशी अधिनियम के तहत इस दुकान का कीटनाशक लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
सीहोर जिले में की जा चुकी है 29519.35 मीट्रिक टन मूंग की खरीदी-
शासन के निर्देशानुसार जिले में मूंग उपार्जन का कार्य किया जा रहा है। अभी तक सीहोर जिले के 32,955 किसानों ने मूंग उपार्जन के लिए अपना पंजीयन कराया है। जिले में अभी तक 56 उपार्जन केंद्रों पर 10,548 किसानों से 29519.35 मेट्रिक टन मूंग की खरीदी की जा चुकी है। इसके साथ ही किसानों को एक करोड़ 86 लाख रूपये की राशि का भुगतान भी किया जा चुका है।
मंडियों से हटाया जाए अतिक्रमण, काम भी ऑनलाइन करें-
सीहोर कलेक्टर बालागुरु के. की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के सभी कृषि उपज मंडी सचिवों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर बालागुरू के. ने मंडियों के संचालन, किसानों की सुविधा एवं पारदर्शिता के संबंध में मंडी सचिवों से चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने सभी मंडी सचिवों से कहा कि किसानों को मंडी में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए मंडियों की प्रक्रियाओं को अधिक कुशल, पारदर्शी और किसान हितैषी बनाया जाए। जिले की सभी कृषि उपज मंडियों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाए और जहां अतिक्रमण की स्थिति है, वहां तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने मंडियों की रिक्त भूमि का उपयोग करने की योजना बनाने तथा नामांतरण से संबंधित सभी कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। मंडियों में सभी प्रकार के कार्य ऑनलाइन किए जाएं, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके और किसानों को त्वरित सेवाएं मिल सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली किसानों की शिकायतों का समयसीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान समय पर किया जाए तथा कोई भी भुगतान लंबित न रखा जाए। बैठक में कलेक्टर कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने मंडी सचिवों से कहा कि वे स्वयं नियमित रूप से मंडियों का भ्रमण करें और वहां की व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण करें। उन्होंने किसानों के लिए स्वच्छता, पेयजल, बैठने की व्यवस्था और अन्य मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मंडी के आय-व्यय का सटीक लेखा-जोखा रखने के भी निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह, एसडीएम तन्मय वर्मा सहित सभी मंडियों के सचिव उपस्थित थे।

Exit mobile version