शिक्षक मानसिंह सोलंकी का निधन, शोक की लहर… गुरू के साथ ही मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे

सीहोर। जिले की रेहटी तहसील के सलकनपुर स्थित शासकीय स्कूल में बतौर लेक्चरर पदस्थ रहे वरिष्ठ शिक्षक मानसिंह सोलंकी का दुखद निधन हो गया। उनके निधन से रेहटी नगर सहित क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। जैसे ही उनके निधन का समाचार मिला, लोगों के चेहरों पर मायूसी छा गई। दरअसल शिक्षक मानसिंह सोलंकी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे एवं उनका उपचार चल रहा था। वे लंबे समय तक रेहटी स्थित शासकीय बालक हायर सेकंडरी स्कूल में भी पदस्थ रहे। इसके बाद उनकी पदस्थापना शासकीय कन्या हायर सेकंडरी स्कूल रेहटी में हुई। वर्तमान में वे सलकनपुर में पदस्थ थे। वे छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शक के रूप में पहचाने जाते थे तो वहीं आज उनके कई विद्यार्थी बडेÞ-बड़े पदों पर पदस्थ हैं। वे हमेशा सबकी मदद के लिए तैयार रहते थे। उनके निधन से उनके पुराने छात्र-छात्राओं सहित नगर एवं रेहटी तहसील में शोक की लहर है। शिक्षक मानसिंह सोलंकी का जन्म हरदा जिले के हंडिया में 4 जनवरी 1964 को हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा वहीं हुई। उनकी पहली पदस्थापना रेहटी स्थित शासकीय बालक हायर सेकंडरी स्कूल में हुई थी। इसके बाद वे पूरे समय रेहटी में ही पदस्थ रहे। जनवरी 2026 में उनकी शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति भी थी, लेकिन इससे पहले ही उनका दुखन निधन हो गया। परिवार में उनकी धर्मपत्नी सहित दो बेटे सूर्यप्रताप सोलंकी एवं भानुप्रताप सोलंकी हैं। बड़े बेटे सूर्यप्रताप सोलंकी इंजीनियर हैं एवं अमेरिका में निवासरत हैं तो वहीं छोटे बेटे भानुप्रताप सोलंकी पेशे से डॉक्टर हैं एवं राजस्थान के जयपुर में पदस्थ हैं।
सच्चे गुरू एवं मार्गदर्शक के रूप में बनाई पहचान-
शिक्षक मानसिंह सोलंकी की पहचान एक बेहतर मार्गदर्शक के रूप में थी। वे अपने छात्र-छात्राओं के सच्चे गुरू तो थे ही, लेकिन इससे बढ़कर वे एक मार्गदर्शक के रूप में हमेशा अपने विद्यार्थियों को सही राह दिखाते थे। वे भौतिकी विषय के साथ ही गणित के भी शिक्षक थे। उनके द्वारा पढ़ाए गए कई छात्र-छात्राओं आज कई अच्छे पदों पर देश-विदेश में पदस्थ हैं। वे जितना अपने छात्र-छात्राओं पर स्नेह रखते थे उससे ज्यादा वे सख्त भी थे। विद्यार्थियों को हमेशा सही राह दिखाते थे, लेकिन गलत राह पर चलने वालों पर वे सख्ती भी बरतते थे। उनकी सख्ती ने कई विद्यार्थियों के जीवन में अमूलचूल परिवर्तन किया। सीहोर हलचल परिवार सहित उनके सभी शिष्य ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उन्हें श्रीचरणों में स्थान दें एवं उनके परिवार को यह गहन दुख सहन करने की शक्ति दे।