सीहोर। सीहोर के करबला पुल से तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं पटवारी महेंद्र रजक की गाड़ी के साथ हुए हादसे के बाद अब परिजनों ने आशंका जताई है कि यह हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी। साजिश के तहत यह पूरी व्यहरचना रची गई है इसी कारण से यह सब घटना घटित हुई है। परिजनों ने इस संबंध में पुलिस जांच की मांग भी की है। इधर मध्यप्रदेश तहसीलदार संघ के उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकािरयों ने कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर से मुलाकात करके तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर को जल्द से जल्द खोजने की बात कही है। कलेक्टर ने तहसीलदार संघ के पदाधिकारियों सहित तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के बेटे को भी आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द नरेंद्र ठाकुर को ढूंढ लिया जाएगा। इसके लिए एनडीआरएफ की 30 सदस्यों की टीम को भी रायसेन से सीहोर बुलाया गया है। इसके अलावा अन्य तरीकों से भी तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर को खोजने के प्रयास किए जाएंगे।
रायसेन से सीहोर पहुंची 30 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम-
तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर की बॉडी खोजने एनडीआरएफ की 30 सदस्यों की टीम रायसेन से सीहोर भेजी गई है। अब तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर को खोजने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। इससे पहले एसडीआरएफ की टीम विगत 2 दिनों से सीवन नदी में सर्चिंग कर रही है। हालांकि अब तक तहसीलदार का कुछ पता नहीं चल सका है। अब उम्मीदवार की जा रही है कि जल्द से जल्द तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर को खोज लिया जाएगा।
मंडी थाने में दर्ज कराई थी रिपोर्ट-
फार्म हाउस से पार्टी बनाकर लौट रहे तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं पटवारी महेंद्र रजक जब सोमवार की सुबह तक घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने मंडी थाने में उनके गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद मंडी पुलिस ने उनकी तलाशी शुरू की। इस दौरान कई सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। एसडीईआरएफ, होमगार्ड के जवानों की मदद भी ली गई। इसके बाद पुलिस टीम ने एसडीईआरएफ जवानों के साथ करबला पुल के पास से उनकी तलाशी शुरू की। गोताखोरों को भी लगाया गया। आखिरकार बुधवार को सुबह पटवारी महेंद्र रजक का शव सीहोर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम सेवनियां छापरी के पास मिला। गाड़ी भी मिल गई।
पटवारी महेंद्र रजक की हुई अंत्येष्टि-
बुधवार सुबह सीवन नदी में पटवारी महेंद्र रजक का शव मिलने के बाद दोपहर में उनकी सीहोर स्थित विश्राम घाट पर अंत्येष्टि कर दी गई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों की आंखें नम थी। अंत्येष्टि में सीहोर जिले की तहसीलों में पदस्थ पटवारी भी शामिल हुए एवं अपने साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इधर तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के परिजनों को अब भी आस है कि उनका बेटा वापस आएगा। सब ईश्वर से प्रार्थना करने में जुटे हुए हैं। हालांकि तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। नरेंद्र ठाकुर मध्यप्रदेश तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
तीन माह पहले ही बेटा हुआ-
पटवारी महेंद्र रजक सीहोर निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में वे जिले की नसरूल्लागंज तहसील में पदस्थ थे। उनकी पत्नी भी पटवारी हैं एवं उनकी पांच साल की बेटी एवं तीन माह का बेटा भी है। तीन माह पहले बेटे के जन्म पर घर में खुशियां मनाई गर्इं थीं, लेकिन अब घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
लंबे समय से उठ रही है पुल पर रैलिंग की मांग-
सीहोर स्थित सीवन नदी पर बने करबला पुल पर लंबे समय से रैलिंग की मांग उठाई जा रही है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जिम्मेदारों से मांग की गई है, लेकिन अब तक पुल पर रैलिंग नहीं लगाई जा सकी है। जिस पुल से तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर की गाड़ी बही है उस पुल पर हर साल बारिश में यही स्थिति बनती है। पुल के उपर से पानी जाता है, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई सुध नहीं ली गई है।
इनका कहना है-
तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर के साथ हुई घटना को तीन दिन हो गए हैं। सीहोर जिला प्रशासन द्वारा खोजने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। हमने कलेक्टर महोदय से मुलाकात करके सर्चिंग अभियान को तेज करने की अपील की है। कलेक्टर द्वारा आश्वासन दिया गया है, साथ ही एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है। परिजनों को आशंका है कि यह हादसा नहीं है, इस संबंध में परिजनों द्वारा कलेक्टर को एक आवेदन दिया गया है।
– अवनीश मिश्रा, उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश तहसीलदार संघ