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खेल प्रतियोगिता में ‘टेंडर का खेल’, शिक्षा विभाग पर लगे गंभीर आरोप

सीहोर। जिला मुख्यालय पर आयोजित हो रही राज्य स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिता 22-26 सितंबर विवादों के घेरे में आ गई है। प्रदेश के 10 संभागों से करीब 900 खिलाडिय़ों के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में लाइट और टेंट के टेंडर पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। मध्यप्रदेश टेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा टेंडर प्रक्रिया में मनमानी और पक्षपात किया गया है ताकि एक ही फर्म को फायदा पहुंचाया जा सके।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि टेंडर की शर्तें इस तरह से रखी गईं, जिनसे छोटे और स्थानीय टेंट हाउस संचालक इस दौड़ से बाहर हो गए। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष वरुण गौर ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में 50 लाख से 1 करोड़ के वार्षिक टर्नओवर की शर्त रखी गई थी, जो छोटे व्यापारियों के लिए पूरी करना असंभव था। इसके अलावा कर्मकार मंडल के रजिस्ट्रेशन की शर्त भी रखी गई, जिसकी सिविल वर्क में जरूरत होती है न कि टेंट और लाइट के काम में। एसोसिएशन का दावा है कि ये शर्तें जानबूझकर डाली गईं ताकि लंबे समय से काम कर रही एक ही फर्म को लगातार टेंडर मिलता रहे।
महंगी दरों पर भी मिल रहा टेंडर!
एसोसिएशन के प्रदेश सचिव रवि ठकराल ने एक और चौंकाने वाला आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस फर्म को यह टेंडर मिला है, वह ऊंची दरों पर सामान दे रही है। उन्होंने बताया कि कई ऐसी फर्म थीं जिन्होंने कम दर पर टेंडर भरा था, लेकिन उन्हें टेक्निकल कारणों से बाहर कर दिया गया। एसोसिएशन ने पहले भी इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से लिखित शिकायत की थी कि ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन टेंडर निकाले जाएं, जिससे पारदर्शिता बढ़े और सभी को मौका मिले लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।
शिक्षा अधिकारी का बयान
इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी संजय सिंह तोमर का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से नियमानुसार होती है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जिसमें कोई भी फर्म हिस्सा ले सकती है।

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