
सीहोर। राज्य शासन के निर्देशानुसार गीता जयंती के पावन अवसर पर आवासीय खेल परिसर में जिला स्तरीय कार्यक्रम भक्तिमय वातावरण में आयोजित किया गया। इस दौरान श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक सस्वर पाठ किया गया, जिसमें सद्गुरू विद्यापीठ के छात्रों ने विशेष रूप से श्लोकों का गायन कर समां बांध दिया।
निष्ठापूर्वक कर्मपथ पर चलने की प्रेरणा
इस अवसर पर महंत उद्धवदास महाराज ने गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता के कर्मयोग सिद्धांत से हमें निष्ठापूर्वक अपने कर्मपथ पर दृढ़ होकर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा महाभारत युद्ध के दौरान दिया गया ज्ञान, सनातन धर्म के चिंतन का आधार है, जो आने वाली पीढय़िों को भी प्रकाशित करता रहेगा। उन्होंने गीता को भारतीय मनीषा के दर्शन का मूल आधार बताते हुए कहा कि यह सद्कर्म के माध्यम से मनुष्य को स्वयं में ही दिव्यता का अनुभव कराती है। संगीता संगीत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रेरणा गीत का गायन भी किया गया। कार्यक्रम में सभी विभागों के जिलाधिकारी, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।