
रेहटी। सलकनपुर में नीचे से उपर तक श्रद्धालुओं को लाने-ले-जाने वाली टैक्सियों की मनमानी नहीं थम रही है। ये टैक्सियां श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूल रही है, जबकि प्रशासन द्वारा प्रत्येक सवारी आना-जाना 70 रूपए तय किया गया है, लेकिन टैक्सी संचालक 100 रूपए प्रति सवारी का किराया वसूल रहे हैं। नहीं देने पर श्रद्धालुओं को परेशान भी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को दो-दो-तीन-तीन घंटे तक इंतजार करवा रहे हैं।
सलकनपुर में नीचे से उपर तक आने-जाने के लिए नवरात्रि के दौरान प्रशासन ने निजी वाहनों पर रोक लगा दी है। इसके लिए यहां पर टैक्सियां लगाई गईं हैं। ये सभी टैक्सियां निजी कोटे की हैं। श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए 60 गाड़ियां यहां पर चलाई जा रही हैं, लेकिन इनमें से कई गाड़ी संचालक मनमानी कर रहे हैं। इसका उदाहरण भी अमावस्या पर सामने आया। अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु-भक्त आंवलीघाट पर स्नान करने के बाद मां विजयासन के दर्शन करने के लिए सलकनपुर पहुंचे। ये लोग अपने वाहनों से आए, लेकिन उपर जाने के लिए इन्होंने टैक्सियां की। इनमें से कई टैक्सियों ने 100 रूपए प्रति सवारी की पर्चियां काटीं, जबकि प्रशासन द्वारा 70 रूपए का किराया तय किया गया है।
परेशान होते रहे श्रद्धालु-भक्त-
टैक्सियों की मनमानी के कारण कई श्रद्धालु-भक्त परेशान भी हुए। दरअसल जिन लोगों ने 70 रूपए किराया दिया उन्हें टैक्सियां उपर तो ले गईं, लेकिन नीचे आने के लिए उन्हें कई घंटों तक इंतजार करना पड़ा। विदिशा से आए शर्मा परिवार को तीन घंटे तक उपर ही इंतजार करना पड़ा। कई लोग तो पैदल ही चल दिए। टैक्सियां 100 रूपए प्रति सवारी वसूलती रही, जिन्होंने इतने पैसे दिए उन्हें तो नीचे लेकर आए, लेकिन जिन्होंने कम पैसे दिए उन्हें परेशान होना पड़ा।
इनका कहना है-
नवरात्रि के लिए प्रशासन द्वारा टैक्सियों की व्यवस्था बनाई गई है। ये टैक्सियां ही श्रद्धालुओं को लाने ले जाने का कार्य करेगी। इसके लिए इनका रेट भी तय किया गया है। यदि कोई टैक्सी संचालक ज्यादा किराया वसूलेगा तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। नवरात्रि के दौरान तय किराए पर ही चलाया जाएगा। सभी को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
– राजेश कहारे, थाना प्रभारी, रेहटी