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छिंदवाड़ा त्रासदी से भी सबक नहीं: जिले में बिना फार्मासिस्ट चल रहीं दवा दुकानें, नौसिखिए कर रहे मरीजों के जीवन से खिलवाड़

सीहोर। छिंदवाड़ा में जानलेवा कफ सिरप से हुई कई मासूमों की मौत की दर्दनाक घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया, लेकिन सीहोर जिले का स्वास्थ्य विभाग इस त्रासदी से भी कोई सबक लेता नहीं दिख रहा है। जिले भर की दवा दुकानों पर नियमों की खुली अवहेलना हो रही है। पैसे की लालसा में मेडिकल स्टोर संचालक मानव जीवन को जोखिम में डाल रहे हैं, जहां लाइसेंस किसी और के नाम पर है, दुकान कोई और चला रहा है और दवा देने वाला कोई आठवी या दसवीं पास नौसिखिया युवक है।
शासन का स्पष्ट आदेश है कि दवाओं का विक्रय केवल फार्मासिस्ट की उपस्थिति में ही किया जाना चाहिए, लेकिन जिले में इस नियम का मखौल उड़ाया जा रहा है। गली-गली खुली इन दुकानों पर प्रशिक्षित फार्मासिस्ट नदारद हैं और आठवीं-दसवीं पास युवक बेरोकटोक दवाएं दे रहे हैं।
मेडिकल दुकानें बनीं ‘डॉक्टरों का अड्डा’
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक मेडिकल स्टोर संचालकों और अप्रशिक्षित डॉक्टरों का एक मजबूत गठजोड़ पनप रहा है। कई डॉक्टर, जिनका सीएमएचओ कार्यालय में पंजीयन तक नहीं है, बाहर से आते हैं और इन मेडिकल दुकानों पर मरीजों का उपचार करते हैं। ये डॉक्टर बिना उचित परामर्श के भी दवाएं लिखते हैं और पैसा बटोर कर चले जाते हैं। ऐसी मनमानी से मरीजों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
ड्रग इंस्पेक्टर और सीएमएचओ की खानापूर्ति
इस पूरे अवैध कारोबार की जांच करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर भी नियुक्त हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि दवा दुकानों पर नौसिखिए साफ तौर पर दवा बेचते दिख रहे हैं।
इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर किरन मगरे का कहना है कि समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है और अनियमितता मिलने पर कार्रवाई भी होती है। उन्होंने बताया कि वह अभी छिंदवाड़ा घटना की जांच टीम में शामिल हैं और वहां से समय निकालकर जिले के मेडिकल स्टोरों की जांच की जाएगी।
वहीं सीएमएचओ डॉ. सुधीर कुमार डहेरिया ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि दवा दुकानों की जांच का काम ड्रग इंस्पेक्टर का है और उन्हें जांच के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि ड्रग इंस्पेक्टर के जांच दल में शामिल होने के कारण अभी निरीक्षण नहीं हो पा रहा है। दोनों अधिकारियों के जवाब से स्पष्ट है कि जिले में दवा दुकानों की जांच को लेकर गंभीरता का अभाव है।

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