कलेक्टर ने किया सीप अंबर-परियोजना के कार्यों का निरीक्षण

सीहोर। कलेक्टर बालागुरू के. ने जिले के ग्राम मंडी में सीप-अंबर सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया और परियोजना के कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने परियोजना के फेज-1 और फेज-2 के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने परियोजना के कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय-सीमा में पूर्ण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने ग्राम मंडी में जल निगम के इंटेकवेल और लाड़कुई के ग्राम चौरसाखेड़ी में जल निगम के जल शोधन केंद्र का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल निगम की इस परियोजना से चिन्हित ग्रामों के नागरिकों के लिए जलापूर्ति सुनिश्चित होगी।
सीप अंबर परियोजना के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर बालागुरू के. ने कहा कि यह परियोजना जिले के किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। परियोजना के पूर्ण हो जाने पर हजारों हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी और ग्रामीण क्षेत्र में कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य समय पर और तय मानकों के अनुसार पूरे किए जाएं। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने संबंधित ठेकेदारों और तकनीकी अमले को निर्देशित किया कि कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाए तथा हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि कहीं तकनीकी समस्या आती है तो तत्काल समाधान कर उसे उच्चाधिकारियों को अवगत कराएं, जिससे कार्य में कोई बाधा न आए। निरीक्षण के दौरान भैरूंदा एसडीएम सुधीर कुशवाह, तहसीलदार संदीप गौर, जल निगम के जैनुल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
क्या है सीप अंबर परियोजना –
सीहोर जिले के छीपानेर क्षेत्र में बन रही सीप अंबर सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस परियोजना के अंतर्गत नर्मदा नदी से पानी लिफ्ट कर दबावयुक्त पाइपलाइन और अत्याधुनिक स्काडा तकनीक के जरिए किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन से जिले के 76 गांव लाभान्वित होंगे और 30,091 हेक्टेयर भूमि को स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए 570 करोड़ 23 लाख रुपए का राशि का प्रावधान किया है। इस परियोजना के पूरा हो जाने से किसानों को समय पर सिंचाई का पानी मिलेगा, फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और आय में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों को स्थायी राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना खेती को नई ऊर्जा और जिले के कृषि विकास को नई दिशा देने का काम करेगी।