वनों के दुश्मनों के पास आधुनिक हथियार, वनरक्षकों के पास केवल बांस का डंडा

अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ एवं मध्यप्रदेश वन्य प्राणी संरक्षण कर्मंचारी संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित

सीहोर। अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ एवं मध्य प्रदेश वन वन्य प्राणी संरक्षण कर्मंचारी संघ द्वारा सीहोर में वन अधिकारियों-कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों पर मंथन के लिए आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चेतन कमार आर्य ने कहा कि वनों के दुश्मनों के पास अब आधुनिक हथियार हैं और वनकर्मी के पास केवल आज भी बांस का एक डंडा है। कहीं किसी राज्य में वनकर्मी को बंदूक दी है तो उसे चलाने के अधिकार नहीं दिए हैं। वन विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए देश के सभी राज्यों में अलग-अलग नियम कानून है। सबसे अधिक वन मध्यप्रदेश में है, फिर भी देशभर के राज्यों से काफी कम वेतन और सुविधाएं यहां के वन कर्मियों को दी जा रही है। हम धरती पुत्रों को वनों की सुरक्षा में मौत होने पर भी शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है फिर भी हम पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की तरह 24 घंटे वनों और वन्य प्राणियों की रक्षा करते हैं। हमारी कई मांगे लंबित हैं, जिस पर राज्य और केंद्र सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। इसके कारण वनकर्मियों का मनोबल टूट रहा है। अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ एवं मध्य प्रदेश वन वन्य प्राणी संरक्षण कर्मंचारी संघ कई बार शासन, प्रशासन, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को मांग पत्र दे चुके है।
इससे पहले अधिवेशन का शुभारंभ अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ राष्ट्रीय संयोजक कमल सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप सिंह कुमरा, राष्ट्रीय सचिव मोजिम अली खान तेलंगाना, राष्ट्रीय उप सचिव सौरभ भारद्वाज, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र गांजरे, केसी मांझी उड़ीसा, राजेंद्र सिंह यादव बिहार, अमित कुमार झा छत्तीसगढ, जगदीश बुलोने महाराष्ट्र, जहीर उददीन तेलंगाना, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम लक्ष्मीपति एवं जम्मू कश्मीर के गुलाम नबी व मध्यप्रदेश वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम यश मौर्य, प्रांतीय संरक्षक बुधराज भागवत, प्रांतीय महासचिव केवी एस परिहार, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र मोहारे, प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेश उपाध्याय, दिलीप बांगडे, सुकांत पाठक, राजेंद्र राठौड़, धर्मेंद्र रघुवंशी, अतुल कुशवाहा, प्रधान मुख्य संरक्षक असीम श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कमालिका मोहंता, मुख्य वन संरक्षक राजेश खरे, वन मंडल अधिकारी एमएस डावर, उपवन मंडल अधिकारी राजेश शर्मा उपवनमंडल अधिकारी सुकृति ओसवाल द्वारा देवचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। मंचासीन अतिथियों का अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ एवं मध्यप्रदेश वन वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ के पदाधिकारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चेतन कमार आर्य, नीलम सिंह ठाकुर, रामयश मौर्य, केवी एस परिहार, धर्मेंद्र मोहरे, भूपेंद्र सिंह दुगेरिया, दीपक बेदी विकास कलोसिया द्वारा पुष्पमाला पहनाकर, पगड़ी बांधकर पौधे स्मृति चिंह भेंटकर स्वागत किया गया। अधिवेशन में पहुंचे अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ राष्ट्रीय संयोजक कमल सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप सिंह कुमरा, भाजपा सीहेार जिलाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा और नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर ने भी संबोधित किया।
नरेश मेवाड़ा को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र –
अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ एवं मध्यप्रदेश वन वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम का मांगों का पत्र भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा को सौंपा। वनरक्षक वनपाल, उपवन क्षेत्रपाल के वेतनमान अन्य राज्यों की तरह बढ़ोतरी करने, समस्त कार्यपालिक अमले को पुलिस विभाग के समान आर्थिक लाभ और सुविधाएं देने, कार्यवाहक पदोन्नति के स्थान पर नियमित पदोन्नति देने, पुलिस के समान पेट्रोल भत्ता देने, शासन की नीति के अनुसार डयूटी पर मौत होने पर शहीद का दर्जा देकर एक करोड़ रूपए आश्रित परिवार को प्रदान करने, मैदानी अमले का स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में लाभ प्रदान करने सहित अन्य मांगे की गई। अधिवेशन में नीलम ठाकुर जिलाध्यक्ष भोपाल, उदित सोनटके जिलाध्यक्ष नर्मदापुरम, प्रवीण ग्वाल जिलाध्यक्ष जबलपुर, दीपक भारती जिलाध्यक्ष छिड़वाड़ा, संजय स्थापक जिलाध्यक्ष सिवनी, सीताराम उइके सहित तेलंगाना, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, उत्तरप्रदेश सहित बीस राज्यों के पदाधिकारी, वनाधिकारी, कर्मचारीगण शामिल रहे। अधिवेशन का संचालन प्रदीप चौहान द्वारा किया गया। आभार कमलेश दोहरे ने व्यक्त किया।

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