सीहोर। जिले में शिक्षा केे मंदिर यानी शासकीय महाविद्यालयों में इस समय प्रभारी प्राचार्यों की मनमानी का आलम है। यही कारण है कि वे नियमोें को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। पहले आष्टा के शासकीय महाविद्यालय में मनमानी के कारण करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आया तोे वहीं अब रेहटी एवं लाड़कुई के शासकीय महाविद्यालयों में भी भ्रष्टाचार की आहट शुरू होे गई है। रेहटी और लाड़कुई केे महाविद्यालयों में तो यहां के प्रभारी प्राचार्यों ने नियमोें की धज्जियां उड़ातेे हुए अपने चहेतोें को नौकरी भी दे दी। लाड़कुई कॉलेज में हुई नियुक्तियोें की तोे शिकायत भी की गई है, जबकि रेहटी कॉलेज में सब कुछ काम इतने गुपचुप तरीके से हुआ कि किसी को भनक तक नहीं लगी।
जानकारी के अनुसार शासकीय महाविद्यालयों में नियमित, अतिथि स्टॉफ के अलावा आउट सोर्स एवं जनभागीदारी के माध्यम से भी नियुक्तियां की जाती हैं। आउटसोर्स एवं जनभागीदारी सेे होने वाली नियुक्तियों केे लिए भी विज्ञापन निकालना होता है। इससे पहले लीड कॉलेज कोे भी इसकी जानकारी देना होती है। विज्ञापन कॉलेज के नोटिस बोेर्ड पर भी लगाया जाता है। विज्ञापन के बाद पदों के लिए आने वाले आवेदनों एवं नियुक्तियों के लिए समिति द्वारा पूरी प्रक्रिया करने के बाद इंटरव्यू लिया जाता है और इसके बाद चयनित अभ्यर्थी की नियुक्ति की जाती है। इतनी प्रक्रिया के बाद आउटसोर्स एवं जनभागीदारी के माध्यम से नियुक्ति होेती है, लेकिन शासकीय महाविद्यालय रेहटी में प्रभारी प्राचार्य डॉ. अंजलि गढ़वाल ने अपने चहेते को बिना किसी प्रक्रिया, नियमोें के तहत कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्त कर दिया। इस पूरी प्रक्रिया में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। हालांकि इससे पहले भी कई बार नियमोें को ताक पर रखकर प्रभारी प्राचार्य द्वारा कार्य किया गया है। रेहटी महाविद्यालय में भी यदि जांच की जाए तो यहां भी करोड़ों का घोटाला सामनेे आएगा। फिलहाल रेहटी कॉलेज अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं मेें हैं। यहां के स्टॉफ को लापरवाही एवं लेटलतीफी के कारण एसडीएम द्वारा फटकार भी लगाई गई थी, लेेकिन इसके बाद भी लापरवाही एवं मनमानी का आलम लगातार बना हुआ है।
लाड़कुई महाविद्यालय में भी कर दी कंप्यूटर ऑपरेटर एवं चौकीदार की नियुक्ति-