
सीहोर। आष्टा थाना पुलिस ने एक ऐसी चोरी का पर्दाफाश किया है जिसमें ट्रक चलाने वाले ड्राइवर ने ही अपने मालिक को धोखा देकर लाखों रुपये का माल पार कर दिया था। आरोपी ड्राइवर अंत तक पुलिस और मालिक को यह कहकर गुमराह करता रहा कि चोरी किसी बाहर के गिरोह ने की है, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने उसके झूठ को पकड़ लिया। पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर कुल 20 लाख रुपये का मशरूका व वाहन जप्त किया है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्पित एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट के सुपरवाइजर सुनील चौहान ने 29 दिसंबर को आष्टा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि ट्रक कंटेनर सूरत से कपड़ा और अगरबत्ती लेकर बिहार के लिए निकला था, जिसका चालक मंगलेश मालवीय था। रास्ते में 25 से 27 दिसंबर के बीच कंटेनर से माल चोरी होने की खबर मिली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
गुमराह करने की कोशिश
पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ल के निर्देशन में बनी विशेष टीम ने जब ड्राइवर मंगलेश से पूछताछ की तो वह बार-बार बयान बदलने लगा। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि उसने अपने साथियों गुलाब, सचिन, अनिल, कपिल और संदीप के साथ मिलकर इस चोरी की साजिश रची थी। आरोपी पुलिस को यह दिखाना चाहते थे कि यह चोरी कंजर गिरोह ने की है, ताकि उन पर शक न हो।
वारदात को अंजाम
आरोपी ड्राइवर ने 25 दिसंबर को कंटेनर को एक ढाबे पर खड़ा किया और फिर 27 दिसंबर को कोठरी के पास अपने साथियों की मदद से माल को दूसरे आयसर वाहन में लोड कर लिया। चोरी किया गया माल आष्टा की इंद्रा कॉलोनी में एक दोस्त के घर छिपा दिया गया था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मंगलेश मालवीय ड्राइवर, गुलाब उर्फ भावसिंह, अनिल खेलवाल, संदीप मालवीय, कपिल उर्फ कुलदीप पाल, सचिन कुशवाह शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 14 लाख रुपये का कपड़ा और अगरबत्ती बरामद की है। साथ ही वारदात में इस्तेमाल किया गया 6 लाख रुपये का आयसर वाहन भी जप्त किया है। जप्त किए गए कुल सामान की कीमत 20 लाख रुपये है।
पुलिस टीम की सफलता
इस अंधे मामले को सुलझाने में एसडीओपी आकाश अमलकर, थाना प्रभारी गिरीश दुबे, प्रधान आरक्षक महेंद्र मेवाड़ा, आरक्षक शुभम मेवाड़ा, मेहरवान और अमन की मुख्य भूमिका रही।