
सीहोर। रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में हनुमान जी का किरदार निभाकर घर-घर में लोकप्रिय हुए अभिनेता और कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल की 3300 किलोमीटर लंबी नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा आज 16 दिसंबर को उनके गृह जिले सीहोर में प्रवेश कर रही है। गुजरात और महाराष्ट्र का लंबा सफर पूरा करने के बाद मस्ताल वापस मध्य प्रदेश की सीमा में आ चुके हैं और उनका यह आध्यात्मिक सफर अब उनके गृह जिले के ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ रहा है।
बता दें कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल ने अपनी पदयात्रा की शुरुआत 3 नवंबर को ओंकारेश्वर धाम से की थी। यह यात्रा महाराष्ट्र और गुजरात के क्षेत्रों को छूकर वापस मध्य प्रदेश में लौटी है। मस्ताल की यह परिक्रमा उनके लिए सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव है, क्योंकि उनके स्वर्गवासी माता.पिता दोनों की अस्थियां नर्मदा नदी में विसर्जित की गई थीं।
प्राचीन सीता मंदिर बना आकर्षण का केंद्र
मस्ताल ने अपनी यात्रा के दौरान सीहोर हलचल से चर्चा में रील लाइफ (रामायण की शूटिंग) और रियल लाइफ (पदयात्रा) के अंतर को समझाया। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान वे ग्राम पीपरी पहुँचे, जहाँ सदियों पुराना प्राचीन सीता मंदिर स्थित है। मस्ताल ने कहा हमारे हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश के ग्राम पीपरी के समीप स्थित इस प्राचीन सीता मंदिर की खुदाई के दौरान अति प्राचीन धार्मिक अवशेष प्राप्त हुए हैं। इसी क्षेत्र में लव-कुश आश्रम भी है। इसके विषय में मान्यता है कि माता सीता ने यहीं लव कुश को जन्म दिया था। हनुमान का किरदार निभाने वाले मस्ताल का इस पवित्र स्थल से जुड़ाव, उनके आध्यात्मिक सफर को एक नया आयाम दे रहा है।
आज का यात्रा कार्यक्रम
पदयात्रा आज 16 दिसंबर को ग्राम तुरनाल मंदिर से प्रारंभ हुई। दोपहर में पिपलनेरिया आश्रम में भोजन प्रसादी ग्रहण करने के बाद यह यात्रा आगे बढ़ी। आज रात विक्रम मस्ताल ग्राम सातदेव स्थित श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर में रात्रि विश्राम करेंगे। इससे पहले उन्होंने तातूखेड़ी स्थित शाला भवन में रात्रि विश्राम किया था। मस्ताल ने मां रेवा को प्रणाम करते हुए आगे कहा जय हो माई की तो चिंता कायिकी।



