
सीहोर। जिले के किसान मूंग में पीले मौजेक की बीमारी से परेशान हैं। इसके लिए वे लगातार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं। अब मौसम भी किसानों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है तो वहीं किसानों की मूंग की सरकारी खरीदी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मूंग की खरीदी को लेकर अब तक सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं हुई है, वहीं प्रशासन ने भी अब तक तैयारियों को लेकर कोई कवायद शुरू नहीं की है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है।
सीहोर जिले के भैरूंदा, रेहटी तहसील सहित बुधनी तहसील के कुछ हिस्से में किसान गर्मी में मूंग की फसल लगाते हैं। इस समय किसानों की मूंग की फसल कटने को तैयार है। कई जगह तो किसानों की मूंग कटने भी लगी है तो वहीं ज्यादातर किसानों की मूंग जून के पहले सप्ताह में कट जाएगी। इससे पहले किसानों की मूंग फसल पर पीले मौजेक का अटैक हो गया है। इसके अलावा अन्य बीमारियां भी मूंग की फसल में लगी। किसानों ने इस बीमारियों से बचने के लिए लगातार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया है। अब किसानों की फसल तैयार तो है, लेकिन अब तक समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुई है। जिला प्रशासन ने भी इसके लिए अब तक कोई तैयारी शुरू नहीं की है। ऐसे में किसान परेशान है कि मूंग की फसल को वह कैसे बेचेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी नहीं दिया जबाव-
व्यापारियों की चलेगी मनमानी-
किसानों की मूंग सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती है। पिछले कई वर्षों से लगातार मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर हो रही है। ऐसे में किसानों को व्यापारियों की मनमानी का सामना नहीं करना पड़ता है। यदि सरकार मूंग की खरीदी नहीं करेगी तो फिर से किसानों को व्यापारियों की मनमानी का सामना करना पड़ेगा। दरअसल व्यापारी औने-पौने दामों पर किसानों की फसलों की खरीदी करते हैं, ऐसे में उनके लिए फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। किसानोें की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनकी मूंग की खरीदी को लेकर घोषणा करे एवं जिला प्रशासन को इसके लिए निर्देश दें, ताकि किसान अपने पंजीयन करा सकें।
मूंग खरीदी में होती है जमकर धांधली-